दुर्गापूजा पर बंदिश के बावजूद कपड़े का कारोबार संतोषजनक
दुर्गापूजा पर मेला पंडाल डांडिया जैसे आयोजनों पर रोक के कारण कपड़ा बाजार पर असर
पटना। दुर्गापूजा पर मेला, पंडाल, डांडिया जैसे आयोजनों पर रोक के कारण कपड़ा बाजार पर असर तो है, लेकिन मायूसी नहीं है। वजह यह कि त्योहार की खरीदारी कम है, लेकिन लगन की ग्राहकी से कपड़ा बाजार में रौनक है। व्यवसाय करीब 50 फीसद पर सिमट गया है। हालात को देखते हुए कारोबारी इसे संतोषजनक मान रहे हैं।
कमजोर त्योहारी खरीदारी को लगन की ग्राहकी ने संभाला : दुर्गापूजा पर होने वाली त्योहार की खरीदारी निश्चित रूप से कमजोर है। हथुआ मार्केट व्यावसायिक समिति के अध्यक्ष मुकेश जैन ने कहा कि जिस शोरूम से दुर्गापूजा पर एक दिन में एक लाख रुपये का कपड़ा बिक जाता था, इस बार 30 से 35 हजार रुपये की ही बिक्री हो रही है। बिहार टेक्सटाइल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रधान महासचिव रंजीत सिंह ने कहा कि करीब 50 फीसद कारोबार हो रहा है। कपड़ा व्यवसायी विष्णु जालान ने कहा कि त्योहारी खरीदारी कमजोर है, लेकिन लगन की ग्राहकी अच्छी होने से बाजार में रौनक है। आशंका थी कि दुर्गापूजा पर बंदिश से बाजार फीका रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ग्राहकों का समर्थन है। वेडिंग कलेक्शन लेने वाले रेग्यूलर कपड़े भी ले रहे हैं। सामने जाड़े का मौसम है। इसलिए फुल शर्ट की बिक्री बढ़ी है। हालांकि पिछले साल के दुर्गापूजा की तुलना में इस बार आधा ही कारोबार होगा, जिसे संतोषजनक कहा जा सकता है।
आसपास के जिलों से भी कम खरीदार : पटना में कपड़ा की थोक मंडी से उठाव करने वाले जिलों के विक्रेता भी इस बार कम आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि त्योहार पर औसतन पटना में खुदरा और थोक मिलाकर प्रतिदिन करीब 30 करोड़ रुपये का कपड़ा कारोबार होता था, लेकिन यह इस बार लगभग 15 करोड़ रुपये का ही हो रहा है।
बाजार की तैयारी कम नहीं : कपड़ा विक्रेताओं का कहना है कि बाजार की तैयारी कमजोर नहीं है। नई डिजाइन की साड़ियां, सलवार-सूट, बच्चों के फैंसी ड्रेस, वेडिंग कलेक्शन में शेरवानी, सूट, लहंगा सहित सभी तरह कपड़ों की आकर्षक रेंज पेश की गई है। इस बार किसी भी तरह के कपड़े की कीमत भी नहीं बढ़ाई गई है। कई जगह शहर में सेल लगी है। अभी आगे कई त्योहार हैं, इसके बाद लगन शुरू होगा। उम्मीद है कि कपड़ा व्यवसाय में अभी और रौनक बढ़ेगी।