चाइनीज की जगह देसी एप, यूजर्स को नये फीचर का इंतजार
59 चाइनीज मोबाइल एप पर लगे प्रतिबंध ने देसी के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिये हैं
पटना। 59 चाइनीज मोबाइल एप पर लगे प्रतिबंध ने देसी के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिये हैं। देसी मोबाइल एप इसका फायदा भी उठा रहे हैं। दूसरी तरफ यूजर्स का कहना है कि देसी मोबाइल एप अभी हटाए गए चाइनीज एप की बराबरी नहीं कर पा रहे हैं। अभी इनमें काफी सुधार और नये फीचर की जरूरत है। हालांकि कई यूजर्स देसी एप को ही बेहतर बता रहे हैं। खासकर टिकटॉक की जगह ले रहे कुछ देसी मोबाइल एप में वीडियो की लिमिट ज्यादा है। इससे यूजर्स को कुछ नया करने का मौका मिल रहा है। चाइनीज एप में वीडियो बनाने के लिए 15 सेकेंड का समय मिलता था, लेकिन इनकी जगह आये नये एप पर 20 से 25 सेकेंड तक का मौका मिलता है। यूजर्स देसी एप में नये फीचर जोड़ने का इंतजार कर रहे हैं। यूजर्स के फीडबैक को देखते हुए एप के डेवलपर इसमें जरूरी सुधार भी कर रहे हैं। ये इंडियन एप पसंद कर रहे लोग
बोलो इंडिया : 'बोलो इंडिया' एप लोगों को अपने मनपसंद गाने और फिल्मी डायलॉग के साथ ही न्यूज, रिलेशनशिप, इंग्लिश लर्निग, ट्रैवल, फूड, तकनीक और करियर से जुड़े कई टॉपिक्स पर वीडियो मिलेंगे। इनमें से यूजर्स अपनी पसंद व उपयोग के मुताबिक विषय को सेलेक्ट कर सकते हैं। यह एप हिदी, अंग्रेजी, तमिल, गुजराती, कन्नड़ समेत कई भाषाओं में उपलब्ध है।
मित्रों : इस एप की सबसे बड़ी खासियत है कि यूजर्स शॉर्ट वीडियो बनाकर शेयर कर सकते हैं। साथ ही अपने वीडियो को एडिट कर अपने मोबाइल में सेव कर सकते हैं। इसके साथ ही इस एप में शेयर का विकल्प दिया जाता है।
चिगारी : यह एप बाकी एप के तुलना में लोगों के बीच ज्यादा पसंद किया जा रहा है। इस एप में अपने पसंद के गानों को खोज सकते हैं। साथ ही वीडियो का स्तर भी बाकी एप से थोड़ा अच्छा है। यह एप अंग्रेजी समेत बांग्ला, गुजराती, मराठी, कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तमिल और तेलगु भाषा में उपलब्ध है।
रोपोसो : यह भी टिक-टॉक के बाद यूजर्स के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह एंड्रायड और आईफोन दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। इसमें यूजर्स अपना खुद का कंटेंट क्रिएट कर उसे शेयर कर सकते हैं। इसमें शॉर्ट वीडियो बनाकर भी शेयर किया जा सकता है। इसमें यूजर्स को वीडियो क्रिएशन के अलावा फोटो एडिटिग की भी सुविधा मिलती है। यूजर फ्रेंडली नहीं हैं इंडियन एप :
कई यूजर्स देसी एप के साथ असहज महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन एप से वीडियो बनाने और शेयर करने में परेशानी होती है। कुछ एप में वीडियो की क्वालिटी भी कमजोर रहती है। कंकड़बाग की रहने वाली पिकी सिंह के अनुसार रोपोसो का इस्तेमाल करना चाइनीज एप की तरह आसान और सहज नहीं है। बेउर की रहने वाली प्राची का कहना है कि चिंगारी एप पर वीडियो तो बन जाते हैं, लेकिन अपने मनपसंद गाने को जोड़ना मुश्किल है। टिक-टॉक और बाकी एप के बंद होने के बाद हमने इंडियन एप को यूज करना शुरु किया। शुरुआत में तो ये ठीक लगा पर अब ये यूजर फ्रेंडली नहीं लगता है। कभी इसमें अपने पसंद के वीडियो नहीं मिलते हैं तो कभी वीडियो की क्वालिटी कमजोर रहती है। कमियां दूर हो जाएं तो ये एप भी अच्छा काम करेगा।
- प्रियंका एक हप्ता से नया एप यूज कर रही हूं। कुछ कमी तो एप में जरूर है, जिसके कारण इसको यूज करने में परेशानी हो रही है। अगर ये भी बाकी एप की तरह की और सुविधा के साथ आए तो हम आसानी से इसका उपयोग कर सकते हैं। इसमें नये फीचर जोड़ने की जरूरत भी है।
- प्रज्ञा