BHU के मुस्लिम प्रोफेसर के समर्थन में अाए मोदी, कहा- धर्म के आधार पर नियुक्ति का विरोध गलत
बीएचयू के मुस्लिम प्रोफेसर के समर्थन में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी आ गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि धर्म के आधार पर नियुक्ति का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण है।
पटना, राज्य ब्यूरो। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि इस्लाम मानने वाले लोग वेद और पुराण का अध्ययन व अध्यापन कर रहे हैं तो यह हमारे लिए गर्व का विषय होना चाहिए। मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि अविभाजित बिहार में ईसाई मत के फादर कामिल बुल्के रांची विश्वविद्यालय में हिंदी के अध्यापक थे। रामचरित मानस पर प्रवचन करते थे, लेकिन यहां कभी उनका विरोध नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि बीएचयू प्रकरण पर भी सबको सद्भाव का परिचय देना चाहिए, ताकि किसी को घटिया राजनीति करने का मौका न मिले। उन्होंने एक अन्य टवीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पहली पारी में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया और सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद रिजर्वेशन दिया। अब आइआइटी और आइआइएम जैसे केंद्र सरकार के तकनीकी संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि वे वरिष्ठ पदों सहित सभी स्तर की नियुक्तियों रिजर्वेशन पालिसी का पूरी तरह पालन करें।
सुशील मोदी ने कहा कि ये संस्थान रिजर्वेशन नीति से लगभग अछूते रहे, लेकिन कांग्रेस-राजद के वर्चस्व वाली यूपीए सरकार इनमें रिजर्वेशन को संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप लागू नहीं कर पायी। मोदी ने कहा कि कुछ लोग रिजर्वेशन लागू नहीं करते, सिर्फ इसके नाम पर लोगों को भड़काने की राजनीति करते हैं।
गौरतलब है कि आज ही विधानसभा परिसर में सुशील मोदी के खिलाफ विपक्ष ने अपना गुस्सा निकाला है। सुशील मोदी के उस ट्वीट को लेकर विपक्ष ने निशाना साधा, जिसमें उन्हाेंने जेएनयू के आंदोलन को साधारण बताया था। सुशील मोदी के ट्वीट पर राजद समेत कांग्रेस व विपक्ष में शामिल अन्य दलों ने भी भड़ास निकाली।