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सुशील मोदी का लालू यादव पर तंज, गाय-भैंस की सींग चमकाने को खरीदा गया था 15 लाख का सरसों तेल

विधानसभा में बुधवार को एक बार फिर चारा घोटाले की गूंज सुनाई दी। कहा कि चारा घोटाले के समय तो सरकार ने गाय-भैंस की सींग चमकाने के लिए 15 लाख रुपये के सरसों तेल की खरीद की थी।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 09:36 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 02:23 PM (IST)
सुशील मोदी का लालू यादव पर तंज, गाय-भैंस की सींग चमकाने को खरीदा गया था 15 लाख का सरसों तेल
सुशील मोदी का लालू यादव पर तंज, गाय-भैंस की सींग चमकाने को खरीदा गया था 15 लाख का सरसों तेल

पटना [राज्य ब्यूरो]। विधानसभा में बुधवार को एक बार फिर चारा घोटाले की गूंज सुनाई दी। राज्य सरकार ने 1977 से 2015 के दौरान बजट में प्रावधानित राशि से अधिक की गई 142.47 करोड़ की निकासी को विनियोजित, यानी नियमित करने के लिए बिहार विनियोग अधिकाई व्यय विधेयक-2019 पेश किया, जिसे सदन ने मंजूरी प्रदान कर दी। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चारा घोटाला के समय की गई 657.89 करोड़ की राशि का विनियोजन इस कारण अभी नहीं किया जा रहा क्योंकि मामला न्यायालय में लंबित है।

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मोदी ने कहा कि चारा घोटाले के समय तो सरकार ने गाय-भैंस की सींग चमकाने के लिए 15 लाख रुपये के सरसों तेल की खरीद की थी। उन्होंने कहा कि पशुपालन के लिए 1991-92 में 59 करोड़ का बजट था, मगर 129 करोड़ की निकासी की गई। इसी प्रकार 1992-93 में 66 करोड़ के बदले 154 करोड़, 1993-94 में 74 करोड़ की जगह 199 करोड़ और 1994-95 में 74 करोड़ की जगह 170 करोड़ की अधिक निकासी की गई। 959 भेड़, 5664 सुअर, 40,504 मुर्गी और 1577 बकरी के लिए छह जिलों-रांची, चाईबासा, दुमका, जमशेदपुर, गुमला और पटना में 10.5 करोड़ के चारे की आवश्यकता थी, जिसके विरूद्ध 253.33 करोड़ के चारा की फर्जी खरीद की गई।

उन्होंने सदन को बताया कि पशु चारा में 15 प्रतिशत बादाम की खल्ली मिलाई जाती है, मगर 33 गुना अधिक खल्ली मिलाई गई जिसकी कीमत 72.69 करोड़ है। राजद के सदस्यों ने सुशील कुमार मोदी के इस वक्तव्य पर कड़ी आपत्ति दर्ज की और कहा कि जब मामला न्यायालय में है तो वह सदन में इसका क्यों उल्लेख कर रहे हैं। राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, जो लोक लेखा समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं, ने अधिक निकासी पर सदन के बाहर टिप्पणी करते हुए कहा कि पहले तो सुशील कुमार मोदी अधिक निकासी को घोटाला कहते थे। आज वही सदन में इसे नियमित करा रहे हैं। यह उनका दोहरा स्टैंड है। जो अधिक निकासी नियमित की गई है वह कांग्रेस, राजद और राजग सरकार के कार्यकाल की है। उन्होंने कहा कि चाहे पांच रुपये की अधिक निकासी हो, या एक अरब रुपये की, यह इस बात का द्योतक है कि सरकार का वित्त प्रबंधन ठीक नहीं है।


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