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बिहार में SRG और KRP के पदों पर तैनात शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त, मूल विद्यालय लौटने का आदेश

वर्षों से एसआरजी (राज्य संसाधन समूह) और केआरपी (मुख्य स्रोत व्यक्ति) के पदों प्रतिनियुक्त शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से उनके मूल विद्यालयों में योगदान करना होगा। शिक्षा विभाग ने एसआरजी और केआरपी के पदों से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 05:00 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 05:00 PM (IST)
एसआरजी और केआरपी के पदों प्रतिनियुक्त शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से उनके मूल विद्यालयों में योगदान करना होगा। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य में वर्षों से एसआरजी (राज्य संसाधन समूह) और केआरपी (मुख्य स्रोत व्यक्ति) के पदों प्रतिनियुक्त शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से उनके मूल विद्यालयों में योगदान करना होगा। शिक्षा विभाग ने एसआरजी और केआरपी के पदों से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। जन शिक्षा निदेशक सतीश चंद्र झा ने इस संबंध में आदेश जारी किया। 

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विभागीय निदेशक ने बताया कि साक्षरता की राज्य संपोषित योजना की निगरानी के लिए एसआरजी एवं केआरपी के पद पर स्कूली शिक्षक भी प्रतिनियुक्त किये गये थे। राज्य में सम्प्रति राज्य संपोषित साक्षरता की महादलित दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना चल रही है। इसकी निगरानी के लिए एसआरजी एवं केआरपी के रूप में प्रतिनियुक्त होकर कार्य कर रहे शिक्षकों की प्रतिनियुक्त तत्काल प्रभाव से समाप्त की गयी है। यह पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में हुआ है।

मूल पद पर लौटने के निर्देश दिये गये 

प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के साथ ही शिक्षकों को अविलंब अपने मूल पद पर लौटने के निर्देश दिये गये हैं। आदेश के मुताबिक राज्य योजना के अधीन प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहे शिक्षक-शिक्षिकाओं का एसआरजी एवं केआरपी के रूप में प्रतिनियुक्ति-सेवा समाप्त किये जाने के उपरांत रिक्त हुए पदों पर तात्कालिक-वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कार्यरत गैरशिक्षक एसआरजी-केआरपी को अतिरिक्त प्रभार के रूप में कार्यभार संबंधित जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) कार्यहित को ध्यान में रखते हुए आवंटित करेंगे।

अतिरिक्त प्रबोधन राशि देय नहीं होगी

एक एसआरजी और केआरपी को अतिरिक्त प्रभार के रूप में स्वीकृत किये गये कार्यभार के लिये कोई अतिरिक्त प्रबोधन राशि देय नहीं होगी। फिलहाल शिक्षा विभाग के आदेश के बाद अब राज्य संसाधन समूह और मुख्य स्रोत व्यक्ति के पदों प्रतिनियुक्त टीचरों को तत्काल प्रभाव से उनके मूल स्कूल में योगदान करना होगा। इस संबंध में जन शिक्षा निदेशक सतीश चंद्र झा ने आदेश जारी कर दिया है। 


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