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पटना के हर पांचवें घर में डेंगू का मरीज, अफसरों की लापरवाही से महामारी का रूप ले रहा संक्रमण

Dengue Update in Patna हर पांचवें घर में डेंगू के एक-दो मरीज विभाग को खबर नहीं। डीएम व सिविल सर्जन ने एनएस-1 रैपिड किट पाजिटिव की भी सूचना देने का दिया था निर्देश। आशंकित रोगियों के सीरम की करानी थी एलाइजा जांच मौतें नहीं होने से अधिकारी बेपरवाह

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 08:06 AM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 08:36 AM (IST)
पटना के हर पांचवें घर में डेंगू का मरीज, अफसरों की लापरवाही से महामारी का रूप ले रहा संक्रमण
पटना में डेंगू के मामलों ने बढ़ाई चिंता। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार की राजधानी पटना में डेंगू का संक्रमण हर गली तक पहुंच गया है। रुक-रुक कर हो रही वर्षा और उमस भरी गर्मी के कारण मच्‍छरों को पनपने का पूरा मौका मिल रहा है। हर गली-सड़क व खाली मैदानों में जमा पानी के कारण मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इससे डेंगूवाहक मादा एडीज मच्छरों का डंक और धारदार हो गया है। आलम यह है कि इंद्रपुरी, एजी कालोनी, महेश नगर, दीघा से लेकर बांकीपुर, अजीमाबाद और कंकड़बाग अंचल की हर गली में डेंगू पहुंच सका है।

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निजी जांच केंद्रों में निर्देश का पालन नहीं 

स्थानीय लोगों के अनुसार गली के हर पांचवें मकान में एक परिवार के एक से दो लोग डेंगू की चपेट में हैं। हालांकि, इसकी जानकारी मलेरिया विभाग के पास नहीं है क्योंकि अधिकतर रोगी निजी जांच केंद्रों या अस्पतालों में एनएस-1 रैपिड किट से या प्लेटलेट्स की संख्या के आधार पर डेंगू का उपचार करा रहे हैं। जिलाधिकारी और सिविल सर्जन के उस आदेश का पालन भी निजी जांच केंद्र व अस्पताल नहीं कर रहे हैं, जिसके अनुसार एनएस-1 किट में पाजिटिव आशंकित डेंगू रोगियों का सीरम पुष्टि के लिए एलाइजा जांच के लिए सरकारी लैब में भेजना है।

10 प्रतिशत लोग पहुंच रहे अस्‍पताल 

अबतक 90 प्रतिशत डेंगू रोगियों में हल्के लक्षण है और 10 प्रतिशत लोग ही अस्पताल पहुंच रहे, इनमें भी न तो मौतें हुईं और न ही प्लेटलेट््स की मांग बढ़ी है। इसे देखते हुए जिलाधिकारी और सिविल सर्जन कार्यालय से कोई सख्ती नहीं की जा रही है। जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि डीएम व सिविल सर्जन के पत्र के बाद भी निजी केंद्र व अस्पताल डेंगू रोगियों की जानकारी नहीं दे रहे हैं, इससे आशंकित रोगियों के घर व आसपास के 500 मीटर के दायरे में सघन फाङ्क्षगग व लार्वीसाइड्ल का छिड़काव नहीं हो पा रहा है।

सूचना नहीं देने से तेजी से बढ़ रहे डेंगू मरीज 

जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया था कि सभी जांच केंद्रों व अस्पतालों से उन आशंकित डेंगू रोगियों की भी अनिवार्य रूप से सूचना दे जिनकी एनएस-1 जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इन रोगियों की सरकारी जांच केंद्रों में एलाइजा टेस्ट कराकर इसकी पुष्टि कराने का निर्देश था। यही नहीं आशंकित रोगियों के घर व आसपास के 500 मीटर के दायरे में टेक्निकल मैलाथियान की सघन फागिंग के साथ जलजमाव वाली जगहों पर लार्वासाइड्ल का छिड़काव किया जाना था।

पीएमसीएच में दस दिन से 50 प्रतिशत नमूने पाजिटिव 

डेंगू के नए रोगियों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। गुरुवार को 75 नए डेंगू मरीज मिले हैं। इसके साथ ही जिले में डेंगू के कुल रोगियों की संख्या 572 हो गई है। बुधवार तक आई रिपोर्ट के अनुसार जिले में डेंगू के 493 मरीज थे। वहीं पीएमसीएच में लगातार 10वें दिन जांच को आए सैंपल में से करीब 50 प्रतिशत की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। वहीं एनएमसीएच और आइजीआइएमएस में 30-30 प्रतिशत नमूनों की रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है। रोगियों की बढ़ती संख्या से अब स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी एक्शन मोड में आ गए हैं। 


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