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फोगाट बहनों की राह पर बिहार की दीपा-श्वेता, देश-विदेश में जीते ढेरों मेडल

बिहार के सिवान‍ जिले के राजेंद्र गुप्ता की बेटियां दीपा और श्वेता, गीता व बबीता फोगाट की राह पर चल रही हैं। सिवान की बेटियों ने भी देश-विदेश में ढ़ेरो मेडल जीते हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 19 Sep 2017 06:33 PM (IST)Updated: Tue, 19 Sep 2017 11:27 PM (IST)
फोगाट बहनों की राह पर बिहार की दीपा-श्वेता, देश-विदेश में जीते ढेरों मेडल
फोगाट बहनों की राह पर बिहार की दीपा-श्वेता, देश-विदेश में जीते ढेरों मेडल

सिवान [राजेश पटेल]। हरियाणा के महावीर फोगाट और बिहार के सिवान जिले के हसनपुरा के राजेंद्र गुप्ता। कई मामलों में इन दोनों परिवारों की स्थिति एक ही जैसी है। दोनों के मुखिया पहलवान, बेटियां भी पहलवान। फोगाट की बेटियां गीता और बबिता विश्व स्तर पर नाम कमा चुकी हैं। इधर राजेंद्र गुप्ता की बेटियां दीपा और श्वेता इसी राह पर चल रही हैं।
 

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राजेंद्र गुप्ता का परिवार हसनपुरा में रहता है। ये भी पहलवान हैं। हालांकि 74 वर्ष की उम्र हो जाने के कारण अब पहलवानी छोड़ दी है। जब पहलवानी करते थे तो इनका नाम बड़े पहलवानों में शुमार था। अब घड़ी की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। इनकी पांच बेटियां हैं। एक बेटा। तीन बेटियों की शादी हो चुकी है। सबसे छोटी दीपा एवं श्वेता में इनको पहलवानी के लक्षण दिखाई दिए, सो इनको पहलवान बनाने की ठान ली।

आर्थिक तंगी और संसाधनों के अभाव में इन दोनों बेटियों ने पिता के सपने के साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया। ट्यूशन पढ़ाकर सिवान आना, यहां कॉलेज की पढ़ाई, फिर मल्लयुद्ध का प्रशिक्षण, फिर करीब 17 किमी दूर हसनपुरा लौटना, वहां फिर ट्यूशन पढ़ाने के बाद घर के जिम्मेदारी संभालना इनकी दिनचर्या बन गई लेकिन लगन थी तो सफलता भी मिलती गई।
 

सिवान से जीत का सिलसिला शुरू हुआ, जो भूटान तक जारी रहा। राज्य स्तरीय और नेशनल प्रतियोगिताओं में इनको कोई धूल चटाने वाली प्रतिद्वंद्वी पहलवान नहीं मिली। 2105 में हरियाणा में पहली बार नेशनल खेलने का मौका मिला तो वहां भी दोनों ने गोल्ड मेडल जीतकर सिवान सहित पूरे बिहार को गर्व महसूस करने का अवसर प्रदान किया।

सफलता की कहानी बता रही मेडल्स की चमक

-27 से 29 नवंबर 2015 को हरियाणा के रोहतक में आयोजित आठवीं नेशनल ग्रेपङ्क्षलग चैंपियनशिप में दोनों ने जीते गोल्ड मेडल।

-नौ एवं 10 जनवरी 2016 को भूटान में आयोजित इंडो-भूटान ग्रेपङ्क्षलग चैंपियनशिप 15-16 में फिर दोनों ने जीते गोल्ड मेडल।

-17 जनवरी 2016 को थर्ड बिहार ग्रेपङ्क्षलग चैंपियनशिप में दोनों ने जीते गोल्ड मेडल।

-नौ से 11 अगस्त 2016 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित नौवीं जीएफआइ नेशनल ग्रेपङ्क्षलग चैंपियनशिप में दीपा में गोल्ड और श्वेता ने सिल्वर मेडल जीते।

-दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में 21 से 23 जुलाई 2017 तक आयोजित 10वीं नेशनल ग्रेपङ्क्षलग चैंपियनशिप में दोनों ने गोल्ड जीते, यहां इनका चयन इंटरनेशनल गेम के लिए हो गया। इसकी तैयारी चल रही है।

विधायक ने मदद की अपील की सीएम से

अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयन हो जाने के बाद भी परिवार की आर्थिक स्थिति उनको जाने की इजाजत नहीं दे रही है। यह मामला जब इलाके की विधायक कविता सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आर्थिक मदद करने की अपील की है।


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