गंगा की अविरलता के लिए अनशन कर रहीं बिहार की बेटी पद्मावती को सीएम नीतीश का मिला समर्थन
गंगा की अविरलता के लिए बिहार की बेटी एक माह से अनशन पर बैठी हुई हैं। जलपुरुष राजेंद्र सिंह उनके समर्थन में पदयात्रा करेंगे। कहा सीएम नीतीश ने भी पद्मावती का समर्थन किया है।
पटना/नालंदा, जेएनएन। बिहार की बेटी साध्वी पद्मावती गंगा नदी के स्वास्थ्य को लेकर लगभग एक माह से अनशन पर हैं। वे हरिद्वार में अनशन पर बैठी हुई हैं। बिहार की बेटी पद्मावती को अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी साथ मिल गया है। इसके साथ ही जलपुरुष राजेंद्र सिंह भी उनके समर्थन में आ गए हैं। जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार की बेटी को अपना समर्थन दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पद्मावती के समर्थन में 30 जनवरी से बिहार के लोग पदयात्रा करेंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पद्मावती के समर्थन में चार फरवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया जाएगा।
जलपुरुष राजेंद्र सिंह का आह्वान सार्थक हो गया। गंगा की अविरलता के लिए हरिद्वार के मातृ सदन में आमरण अनशन पर बैठी नालंदा की बेटी साध्वी पद्मावती को पिता संत कुमार की मौजूदगी में नालंदा जिले के लोगों का साथ मिल गया। समर्थन की मशाल सांसद कौशलेंद्र कुमार समेत उन दोनों कॉलेजों के प्राचार्यों ने थामी, जहां से संन्यास लेने के पहले छात्रा सानिया ने 2013 से 2018 के बीच इंटर व ग्रेजुएशन किया था।
नालंदा महिला कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार गुप्ता व नालंदा कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओ.पी. सिंह ने कहा कि यह पूरे कॉलेज के लिए गौरव की बात है कि उनकी छात्रा सानिया की ख्याति साध्वी पद्मावती के नए नाम से पूरे देश में फैल चुकी है। वह गंगा की अविरलता चाह रही हैं। इसेे लेकर कॉलेज में विशेष परिचर्चा होगी।
सांसद कौशलेंद्र ने कहा कि वे 31 जनवरी को संसद का सत्र शुरू होने के पहले हरिद्वार जाकर साध्वी से मिलेंगे और उनकी मांग को मजबूती के साथ संसद में उठाएंगे। वहीं, जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि राजा भगीरथ ने पुरखों की मोक्ष प्राप्ति के लिए गंगा को धरती पर लाने को तप किया था, परंतु साध्वी पद्मावती पूरे समाज के लिए भारत के गौरव गंगा की अविरलता चाह रही हैं। आगामी चार फरवरी को जलपुरुष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर नालंदा के लोग धरने पर बैठेंगे। केंद्र व उत्तराखंड सरकार पर साध्वी की मांग मानने का दबाव दिया जाएगा, ताकि साध्वी से आमरण-अनशन खत्म करवाकर उनकी प्राणरक्षा की जा सके।