बेबसी की दास्तानः ट्रेन में बेटी मांगती रही दूध, कोरोना का डर दिखा मजबूर पिता पिलाता रहा पानी
महाराष्ट्र के पालघर से पटना के दानापुर स्टेशन तक की यात्रा एक पिता को कभी न भूल पाने वाली यादें दे गई हैं। कोरोना काल में अपने दुखभरी जर्नी की कई दास्तान सुनी है इसे भी जानें।
पटना, जेएनएन। महाराष्ट्र के पालघर से दानापुर स्टेशन पहुंचा विष्णु परेशान था। आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। पत्नी भी सिर पर हाथ धरे बैठी थी। पता चला कि दो साल की बेटी विद्या स्टेशन पर कहीं खो गई है। इतने में कुछ देर बाद माइक से आवाज आती है कि एक दो साल की बच्ची भटककर यहां पहुंची है। विष्णु दौड़कर वहां पहुंचता है और बेटी को गोद में लेकर पत्नी के पास जाता है। महाराष्ट्र से बिहार तक के सफर का दर्द भूल बेटी को एक टक देखते रहता है। कहता है, इससे ज्यादा क्या बेबसी हो सकती है एक पिता के लिए, कि बेटी दूध मांगती है तो उसे पानी पिलाना पड़ रहा है। कोरोना का डर बताकर उसे चुप कराना पड़ रहा है।
बस में बोरे की तरह भरकर दानापुर स्टेशन लाए
दरभंगा स्टेशन पर पहुंचने पर पूरे शरीर में दर्द था। परिवार भभुआ का रहने वाला है। पता चला कि बस से सभी को दानापुर स्टेशन जाना होगा। वहीं से ट्रेन या बस भभुआ के लिए मिलेगी। विष्णु और उनकी पत्नी दवा खा चुकी थी। इतने पर पुलिस वाले आए और बोले बस में जल्दी बैठो। बस पूरा भरा हुआ था। पैर रखने की जगह नहीं थी। बस में सवार होने से मना करने पर पुलिस वालों की बातें सुनकर दर्द और बढ़ गया। दूसरी बस से सभी सुबह नौ बजे दानापुर पहुंचे।