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दैनिक जागरण दहेज मुक्ति रथ आज गया, सीतामढ़ी, शिवहर व मुजफ्फरपुर पहुंचा

दैनिक जागरण का दहेज मुक्ति रथ आज मुजफ्फरपुर, गया, सीतामढ़ी और शिवहर पहुंचा, जहां लोगों ने रथ का भव्य स्वागत किया। लोगों ने शपथ ली कि ना दहेज देंगे, ना लेंगे।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 05 Dec 2017 03:55 PM (IST)Updated: Tue, 05 Dec 2017 09:16 PM (IST)
दैनिक जागरण दहेज मुक्ति रथ आज गया, सीतामढ़ी, शिवहर व मुजफ्फरपुर पहुंचा

पटना [जेएनएन]। पांच दिसंबर को दैनिक जागरण अभियान का दहेज मुक्ति रथ गया, सीतामढ़ी, शिवहर व मुजफ्फरपुर में पहुंचा, जहां लोगों ने रथ का भव्य स्वागत किया। सुबह से ही लोग रथ के इंतजार में खड़े थे। रथ के पहुंचने के बाद जल रही मशाल को थामकर भीड़ विभिन्न गली-मुहल्लों से गुजरी, जहां लोग काफिले में शामिल होते गए। 

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दहेज मुक्ति रथ आज सुबह नौ बजे गया पहुंचा जहां लोगों ने रथ की आरती उतारी और मंगल गान किया। इस अायोजन में महिलाओं के साथ ही काफी संख्या में बच्चों ने भी भाग लिया। रथ का स्वागत करने के लिए खास लोगों के साथ ही आम लोग भी मौजूद रहे।

वहीं मुजफ्फरपुर में रथ के पहुंचने पर लोगों ने पुष्पवर्षा की और इस दौरान विभिन्न स्कूलों के बच्चों के साथ सभी वर्ग के लोगों ने आयोजन में भाग लिया। दहेज मुक्ति रथ का स्वागत करने के बाद लोगों ने मशाल थामकर एक-एक कर इकट्ठा होते गए और काफिला पूरे शहर में घूमा। लोगों ने मशाल थाम दहेज ना लेने और ना देने की शपथ ली।

दहेज के खिलाफ भरी  हुंकार, उमड़ा सैलाब
सीतामढ़ी पहुंचने पर रथ का भव्य स्वागत किया गया। लोगों ने दहेज को ना अभियान की जमकर सराहना की और कहा कि दहेज लेना पाप है और जो लेता है वो पाप का भागी बनता है। हम एेसा पाप नहीं करेंगे, ना दहेज लेंगे ना ही दहेज देंगे।

दहेज मुक्ति रथ मंगलवार को सीतामढ़ी के बाद शिवहर जिले में प्रवेश कर गया। राह में मशाल थामने को सैलाब उमड़ पड़ा। जनता जनार्दन ने दहेज के खिलाफ हुंकार भरी। दूरियां मिट गई। हर वर्ग की महती भागीदारी रही। स्कूली बच्चों ने मानव श्रृंखला बनाकर रथ का स्वागत किया। सड़कों, चौक -चौराहों पर गजब का उत्साह दिखा। सबने जमकर दहेज विरोधी नारे लगाए।

इससे पूर्व सांसद रामकुमार शर्मा, डीएम राजीव रौशन, डीएसपी कुमार वीर धीरेंद्र, लोक अभियोजक अरुण कुमार ङ्क्षसह, जदयू जिलाध्यक्ष ज्याउद्दीन खां, पूर्व विधायक नगीना देवी, आजम अनवर, हेलेंस के संजय कुमार ङ्क्षसह, चंदा सिन्हा, कमर अख्तर, अरुण गोप, ब्रजेश शर्मा, प्रो. जितेंद्र कुमार वर्मा, दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी देवेंद्र नाथ राय, महाप्रबंधक वीके दूबे, प्रसार उपप्रबंधक रघुवंश मणि तिवारी समेत अन्य लोगों ने मशाल थामकर रथ को आगे बढ़ाया।

डुमरा से रथ शहर की ओर बढ़ा। थाना चौक पर बीडीओ संजय सिन्हा, मुखिया अनिल कुमार यादव, सुबोध कुमार ने स्वागत किया। रथ बढ़ता गया और कारवां बनता गया। जनसैलाब से शहर की रफ्तार ठहर सी गई। तिल रखने की भी जगह नहीं थी। भीड़ ने संदेश दिया कि अब दहेज के खिलाफ क्रांति आ चुकी है।

सबकी जुबां पर एक ही संकल्प-दहेज को भगाना है...
शिवहर पहुंचे रथ का स्वागत करने के लिए विधायक मोहम्मद शर्फुद्दीन के साथ शिवहर वासी काफी संख्या में मौजूद थे। सबने दहेज नहीं लेने की शपथ ली।विधायक ने कहा कि मैं अपने दोनों बेटों की शादी बिना दहेज के करूंगा।

शिवहर में स्वागत के लिए इंतजार में खड़े लोग। सभी की चेहरे पर उत्सुकता। बैंडबाजा के साथ हाथी और घोड़े भी। दहेज मुक्ति रथ जैसे ही जिले के पूर्वी प्रवेश द्वार धनकौल में मशाल के साथ पहुंचा, उत्साह से भरी भीड़ में उसे देखने की होड़ मच गई। हर कोई रथ के करीब जाने को बेकरार। किसी मंदिर की तरह उस पर फूल चढ़ाने और थामने की बेताबी थी। हो भी क्यों न, सदियों से समाज से चिपकी प्रथा दहेज से मुक्ति के अभियान का यह वाहक जो है।
देकुली धाम पर रुका कारवां: कारवां पौराणिक देकुली धाम मंदिर के समीप रुका। बाबा भुवनेश्वरनाथ महादेव से प्रार्थना हुई...दहेज के दानव के अंत के लिए। इससे लोगों को शक्ति मिली। रथ जीरोमाइल चौक पहुंचा तो मशाल थामने की होड़ लग गई। हर कोई भागीदारी निभाना चाहता था। क्या अधिकारी और क्या आम आदमी...महिलाएं और युवतियां भी पीछे नहीं थीं। आखिर दहेज की मार तो यही सहती हैं। इसलिए वे अपनी शक्ति दिखाने से पीछे नहीं हटना चाहती थीं।
समाहरणालय पर विभिन्न स्कूलों के बच्चे अपने-अपने ड्रेस में थे। यहां सतरंगी छटा दिख रही थी। अनुशासन के साथ कतारबद्ध बच्चों के हाथों में दहेज विरोधी स्लोगन। मासूमों की अपील देख साफ लगा कि हर कोई इसे खत्म करना चाहता है।
नवाब उच्चतर विद्यालय पर दहेज के कुपरिणामों पर विचार निकले तो दूर गए। इसकी चर्चा हर ओर दिखी। इसका असर भी दिखा। विधायक ने दहेज नहीं लेने का वादा किया। इसके बाद रथ संदेश देता हुआ शिवहर- मुजफ्फरपुर पथ की ओर बढ़ चला। रास्ते में हर ओर स्वागत। फूलों की बारिश, इस आशा के साथ की दहेज रहित शादियां हों और जिंदगी में खुशियों की बारिश हो।


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