पटना की सड़कों पर दैनिक जागरण की हुंकार- दहेज को कहो ना
बिहार को दहेज के शाप से मुक्त करने के दैनिक जागरण के अभियान को लोगों का भरपूर समर्थन मिला है। अब यह अभियान समापन की ओर है। सोमवार को दहेज मुक्ति रथ पटना में था।
पटना [जेएनएन]। बिहार के विकास में दहेज और बाल विवाह बड़ी बाधा हैं। इस कारण नारी सशक्तीकरण की मंशा भी शत प्रतिशत पूरी नहीं हो पा रही। बहरहाल दैनिक जागरण अलख जगा रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दहेज और बाल विवाह के सफाये का संकल्प लिया। इसके बाद दैनिक जागरण ने अभियान की कमान संभाल ली।
21 नवंबर को बाइक रैली और गांधी मैदान में उद्बोधन समारोह के साथ अभियान की शुरुआत हुई। 23 नवंबर को मुख्यमंत्री ने दैनिक जागरण को मशाल सौंपी। हरी झंडी दिखाकर दहेज विरोधी रथ को रवाना किया। राज्य के 37 जिलों का परिभ्रमण करने के बाद रथ रविवार से पटना जिले में घूमा।
सोमवार की सुबह पटना के लिए खास रहा। पूरा शहर दहेज को जिले से दूर भगाने का संकल्प लेता दिखा। दहेज मुक्ति रथ के पटना पहुंचते ही लोगों ने भव्य स्वागत किया। सुबह आठ बजे से ही पटना के बच्चे-बड़े, महिलाएं और पुरुष भी दहेज के खिलाफ रैली में शामिल होते दिखे। इस भव्य आयोजन में स्कूलों के छोटे-छोटे बच्चों ने भी हिस्सा लिया।
सोमवार को पटना शहर में दो दहेज मुक्ति रथ लोगों के बीच मौजूद रहे, जिनपर जल रहे मशाल को थामकर पटना वासी शपथ ले रहे थे कि ना दहेज देंगे, ना दहेज लेंगे। सुबह आठ बजे सगुना मोड़ (आरा गोलंबर) से रथ-यात्रा की शुरुआत हुई। पटना साहिब गुरुद्वारा में आज रथ का आखिरी पड़ाव रहा।
इसके बाद मंगलवार को गांधी मैदान में समापन समारोह आयोजित है। दैनिक जागरण लोगों से अपील करता है कि लोग दहेज को इस समाज से दूर करने की शपथ लें और बिहार से इस दानव को दूर भगाएं।