पीएमसीएच में प्रतिदिन हो रहा 15 मरीजों का मुफ्त में डायलिसिस
सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में प्रतिदिन करीब 15 मरीज डायलिसिस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
पटना । सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में प्रतिदिन औसतन 15 मरीजों का डायलिसिस किया जा रहा है। वर्तमान में अस्पताल में पांच डायलिसिस मशीनें काम कर रही हैं।
पीएमसीएच के नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. यशवंत सिंह ने बताया कि सूबे के कोने-कोने से मरीज अस्पताल में मरीज डायलिसिस कराने आते हैं। यहां पर प्रतिदिन औसतन 15 मरीजों को यह सुविधा मिल रही है। हालांकि अभी 22 मरीज वेटिंग में हैं।
: हर मरीज का दो घंटे में होता है डायलिसिस :
विभागाध्यक्ष का कहना है कि प्राय: प्रत्येक मरीज को तीन घंटे तक डायलिसिस देने की जरूरत होती है। लेकिन मशीनें कम होने के कारण दो घंटे तक ही यह सुविधा दी जा रही है। अगर अस्पताल में मशीनों की संख्या बढ़ा दी जाए तो राज्य के गरीब मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। उनका आसानी से पीएमसीएच में डायलिसिस हो पाएगा। वर्तमान में गरीब मरीज ही अस्पताल में इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आ रहे हैं।
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: 30 मशीनों की जरूरत :
विभागाध्यक्ष का कहना है कि मरीजों की संख्या को देखते हुए पीएमसीएच में 30 मशीनें लगाने की जरूरत है। जब तक सभी मशीनें नहीं लगेंगी, सभी मरीजों का समय पर डायलिसिस करने में परेशानी होगी। सूबे में दिनोंदिन किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। यह हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है। हर मरीज का बेहतर इलाज हो इसके लिए मशीनों की संख्या बढ़ाने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
:10 मशीनें खराब :
पीएमसीएच में कुल 15 मशीनों में दस डायलिसिस मशीनें खराब पड़ी हैं। अगर उन्हें ठीक करा दिया जाए तो उससे मरीजों का भला होगा। वर्तमान में हेपेटाइटिस के मरीजों के लिए विशेष मशीन की व्यवस्था की गई है लेकिन यह मशीन कई माह से खराब है। वर्तमान में हेपेटाइटिस के मरीज जिनकी किडनी खराब है वे भी बिना डायलिसिस के ही अस्पताल से लौट रहे हैं। इसके अलावा एड्स के मरीजों के लिए भी डायलिसिस मशीन की व्यवस्था करने की जरूरत है। सामान्य डायलिसिस मशीन पर एड्स एवं एचआइवी के मरीजों का इलाज नहीं किया जा सकता है।
यूरोलॉजी विभाग में दो मशीनें पड़ी हैं :
अस्पताल सूत्रों का कहना है कि पीएमसीएच के यूरोलॉजी विभाग में दो डायलिसिस मशीनें पड़ी हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है। अगर दोनों मशीनें नेफ्रोलॉजी विभाग को दे दी जाएं,तो गरीब मरीजों को बहुत लाभ हो सकता है। कई मरीजों की जान बचाई जा सकती है। : एक बार डायलिसिस की कीमत 2800 रुपये :
वर्तमान में निजी अस्पतालों में एक बार डायलिसिस कराने के लिए मरीजों को 2800 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं, जबकि पीएमसीएच मे यह मुफ्त में होता है।