CYBER ATTACK : चीन व रूस के हैकर्स की तलाश में मददगार बना गूगल
गुजरात से ट्रांजिट रिमांड पर लाए गए अंतरराष्ट्रीय एटीम हैकिंग गिरोह के मास्टरमाइंड व उसके गुर्गों ने पटना पुलिस को पूछताछ में बताया है कि गूगल से उन्होंने इस काम में माहिर हैकर्स की तलाश की। उन्होंने बताया कि चीन व रूस में बैठे हैकर्स ने उन्हें मदद की।
पटना [आशीष शुक्ला]। गुजरात से ट्रांजिट रिमांड पर लाए गए अंतरराष्ट्रीय एटीम हैकिंग गिरोह के मास्टरमाइंड व उसके गुर्गों ने पटना पुलिस को पूछताछ में बताया है कि गूगल से उन्होंने इस काम में माहिर हैकर्स की तलाश की।
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शापिंग के जरिए चीन में बैठे हैकर्स ने एटीएम कार्ड की तरह दिखने वाला एक उपकरण भी आरोपियों को मुहैया कराया, जिससे वे एटीएम में सेंध लगाते थे। इसके बाद उन्होंने रूस में बैठे हैकर्स से गिरफ्तार किए गए आरोपियों की फोन व वीडियो कॉल के जरिए मुलाकात करवाई। रूस के इन्हीं हैकर्स के इशारे पर सभी एटीएम को हैक कर लूटा गया।
एटीएम को लूटने के बाद उसमें से 60 फीसद हिस्सा हवाला के जरिए रूस में बैठे हैकर्स को पहुंचाया गया। इसके बदले में रूस के हैकर्स नासिक के हैकर्स को तकनीकी सलाह देते थे।
पूछताछ में पटना पुलिस को पता चला कि गिरोह के सभी सदस्यों की दोस्ती मुम्बई के मीरा रोड पर कपड़े के शोरूम में हुई, जहां सभी साथ काम करते थे।
रातों-रात अमीर बनने के लिए उन्होंने गूगल पर हैकर्स की जानकारी सर्च करनी शुरू की। इस तरह ही चीन के हैकर्स से इनका संपर्क हुआ।
2014 में शुरू हुई हैकिंग
हैकर्स में एक बी.फार्मा की ड्रिग्री लेने के बाद दिल्ली के मैक्स अस्पताल में काम करता था। बताया जाता है कि इंटरनेट सर्च इंजन पर इसकी बेजोड़ पकड़ थी। मध्य प्रदेश का सुनील हार्डवेयर और साफ्टवेयर इंजीनियर है, जबकि बिहार का रहने वाला गौरव एटीएम के बारे में तकनीकी जानकारी रखता था। इसके साथ पहली बार बेगूसराय का एटीएम हैक किया गया था।
एटीएम एक्सपर्ट की तलाश में आए थे बिहार
मुंबई में बैठे शातिरों को एटीएम हैक करने वाला सरगना तो मिल गया, पर एटीएम में की-बोर्ड सेट करने और उसके बारे में तकनीकी जानकारी रखने वाले की तलाश थी। एटीएम एक्सपर्ट की तलाश में बिहार के बेगूसराय निवासी गौरव से मुलाकात की। गौरव को कुछ दिनों में ही अमीर बनने का ख्वाब दिखाया गया। गौरव एनसीआर कंपनी के एटीएम का जानकार है और पैसों की लालच में हैकर्स के जाल में फंस गया।
गौरव बिहार, यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान के एटीएम में शातिरों के साथ गया था। गौरव सिर्फ एटीएम को की-बोर्ड से जोड़ता था। बाकी का काम शातिर करते थे।
ऐसे देते थे काम को अंजाम
गिरोह के सदस्य एटीएम के अंदर जाकर एक नंबर और इंटर के बटन को एक साथ दबाते थे। नंबर रूस के हैकर्स मुहैया कराते थे। शातिरों से रूस में बैठा हैकर इस दौरान स्काइप से जुड़ा रहता था। वह एटीएम ऑपरेट कर रहे शातिरों को लाइव दिशा-निर्देश देता रहता था। स्क्रीन पर आए कोड को बताने पर रूस के हैकर उसे डीकोड कर मोबाइल पर पासवर्ड भेजता था।
पासवर्ड को एटीएम में डालते ही रूस में बैठा हैकर उसे ऑपरेट करने लगता था। मशीन पर आउट ऑफ सर्विस मैसेज दिखता था और गिरोह के सदस्य एटीएम के बाहर खड़े हो जाते थे। इस दौरान कोई आता था तो यह कहा जाता था कि एटीएम खराब है। इसके बाद रूस के हैकर्स वहां बैठे-बैठे मशीन से कैश बाहर निकलवा देते थे।
सिटी एसपी ने बताया
'गुजरात से लाए गए हैकर्स ने पूछताछ में कई राज उगले हैं। सरगना रूस में है। सभी हैकर्स की पहचान मुंबई में हुई थी। कुछ कम्प्यूटर एक्सपर्ट है तो एक एटीएम का जानकार। ये सभी सरगना का नाम कोड में जानते थे और उसे रूस में हवाला के जरिए पैसे भेजते थे। बेगूसराय और पटना के एटीएम को इसी गिरोह ने हैक कर खाली किया था।'
- चंदन कुशवाहा, सिटी एसपी मध्य