हमरी अटरिया पे आजा रे सांवरिया ..
बचों ने नृत्य संगीत की बेहतर प्रस्तुति देकर अतिथियों का पूरा मनोरंजन कराया
पटना। 'जब कोई बात बिगड़ जाए, जब कोई मुश्किल पड़ जाए, तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज..', 'मेरे रश्के कमर, हमरी अटरिया पे आजा रे सांवरिया..', 'कौन ठगवा नगरिया लूटल हो..' आदि एक से बढ़कर एक फिल्मी भोजपुरी व सूफी गीतों की प्रस्तुति भारतीय नृत्य कला मंदिर परिसर में शुक्रवार को देखने को मिली। 'स्वर उपासना' की ओर से 'स्वरांजलि' कार्यक्रम के तहत बच्चों ने नृत्य, संगीत की बेहतर प्रस्तुति देकर अतिथियों का पूरा मनोरंजन कराया। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे की ओर बढ़ता जा रहा था। परिसर में बच्चों द्वारा बेहतर प्रस्तुति दर्शकों का दिल जीत रही थी। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। उद्घाटन अकादमी की निदेशक और शास्त्रीय गायिका सरोज दास जो रामपुर सेनिया घराने की शास्त्रीय गायिका हैं, ने किया। वह बीते 20 सालों से बच्चों को शास्त्रीय संगीत की तालीम देने में लगी हैं। कार्यक्रम के दौरान सरोज दास ने कहा कि आज के युग में बच्चे शास्त्रीय संगीत से दूर होते जा रहे हैं। ऐसे में उन्हें बेहतर इंसान बनाने के लिए संगीत की शिक्षा देना जरूरी है।
शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति ने जीता दिल -
समारोह के दौरान बच्चों ने शास्त्रीय संगीत की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को यादगार बना दिया। कार्यक्रम के दौरान आकांक्षा ने 'हमरी अटरिया पे आजा रे..', 'अपूर्वा ने 'आज हूं ना आए बालम..', सोमा ने 'कौन ठगवा नगरिया लूटल हो..' हिमांशु ने 'फूल गिदवा ना मारो..' सत्यम ने 'ये दिल पागल दिल मेरा..' आदि गीतों पर खूब तालियां बटोरीं। वही इशिका ने बंगाली लोक नृत्य तो तनुश्री ने 'चिठ्ठी पंख लगाके, लो मान लिया हमने..' आदि गीतों पर तालियां बटोरीं। समारोह के दौरान शहर के संगीत प्रेमियों ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाया।