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एनडीए में रहते हुए PM मोदी की आलोचना तो लालू यादव को बधाई ...आखिर क्‍या चाहते हैं जीतन राम मांझी?

जीतन राम मांझी ने एनडीए में रहते हुए पीएम मोदी को निशाने पर लिया तो लालू प्रसाद यादव को बधाई दी। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सीएम नीतीश की सराहना की तो स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था को बदहाल बाते हुए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री की आलोचना की। आखिर वे चाहते क्‍या हैं?

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 11:52 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 05:29 PM (IST)
एनडीए में रहते हुए PM मोदी की आलोचना तो लालू यादव को बधाई ...आखिर क्‍या चाहते हैं जीतन राम मांझी?
'हम' सुप्रीमो जीतन राम मांझी, मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। Jitan Ram Manjhi Politics प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narndra Modi) की आलोचना तो राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को बधाई ...आखिर हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्‍यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के दिल में चल क्‍या रहा है? सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के करीबी जीतन राम मांझी इन दिनों भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निशाने पर लिए दिख रहे हैं। साथ ही एनडीए के घटक दल के नेताओं से अकेले में मुलाकात कर रहे हैं। क्‍या यह सब मांझी की राजनीति की रूटीन प्रक्रिया है या इनके पीछे कोई राज है? मांझी के लालू प्रेम के क्‍या मायने हैं? ऐसे कई सवाल हैं, जो बिहार के सियासी गलियारे में पूछे जा रहे हैं। हालांकि, मांझी कहते हैं कि वे एनडीए में हैं और आगे भी रहेंगे।

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मांझी ने लालू को दी शादी की सालगिरह की बधाई

लालू प्रसाद यादव एवं राबड़ी देवी की शादी की 48वीं सालगिरह के मौके पर मंगलवार को जीतन राम मांझी ने बधाई दिया। कहा कि वे हमेशा स्वस्थ और खुशहाल रहकर जनता की सेवा करते रहें। इतना ही नहीं, मांझी ने इसके अगले दिन बुधवार को अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाने की घोषणा भी कर दी। यह बैठक आज हो भी चुकी है।

पीएम मोदी की आलोचना, विपक्ष का मिला साथ

ज्‍यादा दिन नहीं हुए, जब जीतन राम मांझी ने एनडीए में रहते हुए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही निशाने पर ले लिया था। उन्‍होंने कोरोना वैक्‍सीनेशन के प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि अगर वैक्‍सीनेशन के प्रमाणपत्र पर मोदी तस्वीर है तो मृत्यु प्रमाणपत्र पर भी होनी चाहिए। कहना नहीं होगा कि मांझी के इस बयान को विपक्ष का समर्थन मिला था। जबकि एनडीए सकते में था।

सीएम नीतीश की सराहना, बीजेपी पर निशाना

मांझी ने हाल के दिनों में बिहार में कोरोनावायरस संक्रमण के मुद्दे पर बिहार की स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था पर लगातार सवाल खड़े किए। साथ ही मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की कोरोना पर लगाम लगाने के लिए सराहना भी की। स्‍पष्‍ट है कि उनके निशाने पर बीजेपी कोटे के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय हैं।

मुकेश सहनी से क्‍या हुई बात, लग रहे कयास

इस बीच मांझी ने एनडीए के घटक दल विकासशील इंसान पार्टी के अध्‍यक्ष व मंत्री मुकेश सहनी से मुलाकात की है। इस मुलाकात की बाबत मांझी ने बताया कि उनकी बिहार की स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था सहित अन्‍य मुद्दों को लेकर बात हुई। ये 'अन्‍य मुद्दे' क्‍या थे, फिलहाल स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है।

मांझी को लेकर महागठबंधन ने दरवाजे खोले

इस बीच मांझी को लेकर विपक्षी महागठबंधन ने अपने दरवाजे खोलकर अलग संकेत दिए हैं। आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि मांझी को एनडीए में वो तव्वजो नहीं मिल रहा है, जिसके वे हकदार हैं। आरजेडी में शामिल होने की संभावना को लेकर उन्‍होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है। उधर, कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जीतन राम मांझी आज एनडीए में हैं, लेकिन वे हैं तो पुराने कांग्रेसी। लगता है कि मांझी का एनडीए से मोहभंग हो गया है। ऐसे में कांग्रेस उनका स्वागत करती है।

सवाल यह है कि आखिर मांझी चाहते क्‍या हैं?

सवाल यह है कि आखिर मांझी क्‍या चाहते हैं? बिहार की सियासत में दल-बदल का इतिहास समेटे मांझी क्‍या  फिर किसी नए तट की तलाश में हैं? मांझी ऐसी किसी संभावना को खारिज करते हैं। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बुधवार को उन्‍होंने कहा कि वे एनडीए में हैं और एनडीए में रहेंगे तथा गरीबों के मुद्दों पर अनुरोधपूर्वक आवाज उठाते रहेंगे। स्‍पष्‍ट है, मांझी ने सत्‍ता पक्ष में रहते हुए सरकार को नसीहत देने वाले अपने बयानों को गरीबों के पक्ष में आवाज बताया है।

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