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तख्त श्री हरिमंदिर में सिरोपा पाकर भावुक हुए फ्रांस व जर्मनी के कौंसिल सदस्य

तख्तश्री हरिमंदिर में पहुचे दो विदेशी कौंसिल सदस्य दशमेश गुरु के दरबार में चल रहे अरदास में शामिल हुए।

By Edited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 01:35 AM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 09:23 AM (IST)
तख्त श्री हरिमंदिर में सिरोपा पाकर भावुक हुए फ्रांस व जर्मनी के कौंसिल सदस्य
तख्त श्री हरिमंदिर में सिरोपा पाकर भावुक हुए फ्रांस व जर्मनी के कौंसिल सदस्य
पटना, जेएनएन। विश्व में सिखों के दूसरे बड़े तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में मंगलवार की शाम फ्रांस की कौंसिल के सदस्य वीरजिनिक कोरटेवल व जर्मनी की कौंसिल के सदस्य डॉ. माइकेल फीवर ने मत्था टेक गुरुघर का आशीष लिया। दशमेश गुरु के दरबार में चल रहे अरदास में दोनों शामिल हुए। ग्रंथी ने दोनों विशिष्ट को सिरोपा देकर सम्मानित किया। सिरोपा पाकर दोनों भावुक हो गए।

प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन व सचिव सरदार महेंद्र ¨सह छाबड़ा ने फ्रांस व जर्मनी की कौंसिल जेनरल को तख्त श्री हरिमंदिर का प्रतीक चिह्न, इतिहास व अन्य उपयोगी पुस्तकें उपहार में दिया। मंगलवार को राजधानी पहुंचे कौंसिल जेनरल के साथ मौजूद अंजीता राय चौधरी ने बताया कि इससे पूर्व वे लोग विद्युत भवन, कांग्रेस अध्यक्ष तथा अन्य विशिष्टों से मिले। बुधवार को वे बोध गया व नालंदा जाएंगे।

कौंसिल जेनरल का पटना सिटी में स्वागत कांग्रेसी नेता विनोद कुमार ¨सह व डॉ. विनोद अवस्थी ने किया। चौक थानाध्यक्ष मितेश कुमार ने कौंसिल जेनरल को तख्त श्री हरिमंदिर की ऐतिहासिकता से परिचय कराया। उन्होंने माता जी के कुआं का दर्शन किया। उन्होंने अमृत जल ग्रहण किया। अपर थानाध्यक्ष कृष्णा कुमार ने बताया कि इसी कुआं पर पानी भरने आई महिलाओं के घड़े को बचपन में दशमेश गुरु गोविंद सिंह फोड़ दिया करते थे। दरबार साहिब में कौंसिल जेनरल ने दशमेश गुरु के पलंग, जन्मस्थली, दशमेश गुरु के वस्त्र व शस्त्रों तथा परिसर में इंग्लैंड के भाई मो¨हदर ¨सह द्वारा कराय गयी सोने की सेवा को देखा।

मीडिया से बातचीत के दौरान कौंसिल जेनरल ने कहा कि पहली बार दशमेश गुरु की जन्मस्थली में आकर बहुत खुश हूं। मैं भाग्यशाली हूं कि दशमेश गुरु की जन्मस्थली में मत्था टेकने का मौका मिला। गुरु के अरदास में शामिल होने से बहुत शांति मिली है। यहां के संगत बहुत अच्छे हैं। यहां के ऐतिहासिकता के बारे में मैं पूर्व जानकारी लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि यहां के बारे में वे दूसरी जगह भी चर्चा करेंगे। दशमेश गुरु के 350, 351 व 352 वें प्रकाश पर्व पर बिहार सरकार द्वारा किए गए बेहतर इंतजाम के बारे में भी जानकारी मिली ।

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