कोरोना की जांच न कराना पड़ेगा महंगा, सर्दी-खांसी व बुखार की दवा खरीदने वालों का बनेगा डाटा
बिहार के दवा दुकानदारों से सर्दी-खांसी जुकाम और बुखार की दवा खरीदने वालों की जानकारी मांगी गई है। विक्रेताओं को सारी जानकारी वाट्सएप करनी है।
पटना, जेएनएन। कोरोना वायरस का संक्रमण दिनों दिन बढ़ता जा रहा। कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिसमें मरीज के बीमारी छिपा रहे हैं। ऐसे में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए आशंकितों की शिनाख्त करने को सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में प्रदेश भर के दवा दुकानदारों से सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार की दवा खरीदने वालों की जानकारी मांगी गई है। दुकानदारों को हर दिन इन दवाओं की खरीद के बिल, जिसमें नाम, पता और मोबाइल नंबर हो, की जानकारी औषधि विभाग को वाट्सएप करनी है।
क्यों मांगी गई जानकारी
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण सामान्य सर्दी-खांसी-जुकाम और बुखार से काफी मिलते-जुलते हैं। इनमें से कुछ लोग हो सकता है हाल में किसी दूसरे राज्य या विदेश यात्रा से आए हों और घर पर ही रहकर अपने आप दवा खरीद कर रह रहे हों। ऐसे लोगों की शिनाख्त करने के लिए दवा दुकानदारों से जानकारी मांगी जा रही है। हर दिन पटना की ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी इसकी जानकारी उपलब्ध कराएगी। यह जानकारी कोरोना को जड़ से खत्म करने के लिए एहतियातन मांगी जा रही है, इससे किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने कहा कि ऐसा होने से कोरोना वायरस से जुड़े मरीजों की पहचान आसानी से की जा सकेगी।
उपलब्ध कराया जा रहा है डाटा
वहीं पटना की ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता ने बताया कि मेडिकल स्टोर से ऐसे लोगों की जानकारी मिलने लगी है। हर दिन जिला नियंत्रण कक्ष, जिलाधिकारी और सिविल सर्जन कार्यालय को इसकी जानकारी मुहैया कराई जा रही है।
इन कंपोजिशन की दवा की देनी है सूचना
- एंटी एलर्जिक जैसे लिवोसेट्रिजिन, एलेग्रा, मोंटेल्यूकॉस्ट प्लस लिवोसेट्रेजिन, सेट्रिजिन आदि
- बुखार की दवा : पारासिटामोल
- खांसी : कफ सीरप
- कोल्ड फॉर्मूला - सभी प्रकार के जिसमें सीडोफेडरिन हाइड्रोक्लोराइड, पैरासिटामोल, फेनिलफेरिन, कैफीन या कोडीन आदि दवाएं होती हैं।