तीन से चार दिन के अंदर निजी अस्पतालों में भी कोरोना का इलाज, अब ये सुविधा भी मिलेगी
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड अस्पताल बनने के पूरे चार माह बाद गुरुवार को पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मरीजों से हालचाल जाना।
पटना, जेएनएन। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड अस्पताल बनने के पूरे चार माह बाद गुरुवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पहुंचे। उन्होंने प्रत्येक कोरोना वार्ड और आईसीयू में जाकर वहां की व्यवस्था को देखा। भर्ती मरीजों से बातचीत कर कमियों को जानने का प्रयास किया। मंत्री ने निरीक्षण उपरांत प्राचार्य डॉ. हीरालाल महतो, अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक डॉ गोपाल कृष्ण समेत कई विभागाध्यक्षों के साथ बातचीत की।
जिला प्रशासन द्वारा निजी अस्पतालों को किया गया चिह्नित
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगले तीन-चार दिनों में राजधानी के कई निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा निजी अस्पतालों को चिह्नित किया गया है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है।
पाइपलाइन के जरिए होगी ऑक्सीजन की सप्लाई
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल में 447 बेड उपलब्ध है। 167 बेड पर पाइप लाइन से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। 650 सिलेंडर अस्पताल में उपलब्ध है। शनिवार से सभी बेड पर पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई होने लगेगी। इसके लिए बीएमएसआईसीएल को निर्देशित किया गया है।
हर वार्ड की जिम्मेदारी विभागाध्यक्ष को
मंगल पांडेय ने कहा कि एनएमसीएच के ग्यारह वार्ड में कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। प्रत्येक वार्ड की जिम्मेदारी विभागाध्यक्ष को सौंपी जा रही है। वहां इलाज तथा व्यवस्था वही देखेंगे। बदली व्यवस्था के तहत डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने के लिए अस्पताल प्रबंधक द्वारा नया रोस्टर तैयार किया जा रहा है। यह व्यवस्था शुक्रवार से प्रभावी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव किसी मरीज की मौत होने पर दो से तीन घंटे के अंदर शव को प्रोटोकॉल के तहत पैक कर अंतिम संस्कार के लिए परिजन की निगरानी में प्रशासन को सुपुर्द किया जाएगा। मंत्री ने कहा की कोरोना जांच में अब कोई परेशानी नहीं है। इसके लिए जिला में निर्धारित 25 केंद्रों पर जांच जारी है। जिस किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हों वो उन केन्द्रों पर स्वयं जाकर जांच कराएं। रिपोर्ट तुरंत मिल जाएगी। दवाइयों की व्यवस्था ठीक है। अन्य आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकार एवं विभाग तत्पर है।