पटना: लापरवाही से तड़प-तड़पकर हो गई कोरोना मरीज की मौत, अस्पताल ने कही ये बात, जानिए
बिहार के पटना स्थित कोरोना अस्पताल एनएमसीएच में लापरवाही से एक कोरोना मरीज की मौत हो गई। मरीज के परिजनों ने बड़ा आरोप लगाया है जिसकी जांच की जाएगी।
पटना, जेएनएन। बिहार के कोरोना अस्पताल एनएमसीएच (NMCH) में अस्पताल की लापरवाही से कोरोना मरीज की अस्पताल परिसर में तड़प-तड़पकर मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक मरीज आधे घंटे तक अस्पताल के मेडिसिन विभाग की गेट के पास ही तड़पता रहा, पर अस्पताल में तैनात डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने उनकी सुध लेना भी उचित नहीं समझा।
दिल्ली से लौटे इस कोरोना संक्रमित सारण के एकमा प्रखंड के नौतन गांव निवासी 58 वर्षीय कन्हैया प्रसाद की शुक्रवार की सुबह नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संदेहास्पद स्थिति में हुई मौत चर्चा का विषय बनी हुई है।
अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने बताया कि दिल्ली से लौटे प्रवासी कन्हैया को कोरोना आशंकित के रूप में 17 जून को एनएमसीएच के मुख्य भवन में भर्ती किया गया। उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी। शुक्रवार की सुबह कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज को मेडिसिन विभाग में शिफ्ट किया जाना था।
यह जिम्मेदारी नर्स के निर्देश पर वार्ड ब्यॉय की थी। जानकारी मिली कि मरीज के परिजन मुख्य भवन से मरीज को मेडिसिन विभाग ले जाने लगे। इसी क्रम में गिर गया। कुछ देर बाद मौत हो गयी।
कन्हैया की मौत के लिए स्वजन अस्पताल की व्यवस्था को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इनका कहना था कि मरीज को शिफ्ट करने के लिए न तो कोई वार्ड ब्वॉय तैयार था न ही स्ट्रेचर था। मजबूरी में उन्हें ले जाना पड़ा।
गड्ढे वाली सड़क हो सकती है मौत की वजह
एनएमसीएच परिसर की सड़क में कई गड्ढे हैं। इसमें हर समय पानी भी जमा रहता है। मुख्य भवन से मेडिसिन विभाग की ओर मरीज को पैदल लाने के क्रम में यह गड्ढा गिरने की वजह बना होगा। ऐसी संभावना कई डॉक्टरों ने भी जतायी है। डॉक्टरों एवं कर्मियों का कहना है कि अस्पताल परिसर की सड़क मरीज के अनुकूल नहीं है। अक्सर मरीज उबड़-खाबड़ सड़क में उलझ कर गिर पड़ते हैं। सड़क की मरम्मत बेहद जरूरी है।
मामले की होगी जांच
अधीक्षक ने कहा कि यह आरोप गंभीर है। लापरवाही किस स्तर से और किन परिस्थितियों के कारण हुई? इसकी शनिवार को जांच की जाएगी। दोषी पर कार्रवाई होगी। अस्पताल अधीक्षक ने पूरे मामले की जांच किए जाने का भरोसा दिलाते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई किए जाने की भी बात दोहराई है। पर सबसे अहम सवाल यह है कि अस्पताल परिसर में ही मरीज आधे घंटे तक इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मर गया और अस्पताल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी।