बदली सी दिखेंगी कोरोना इफेक्ट वाली शादियां
कोरोना का ग्रहण हमारी जिंदादिली के सामने छंटने लगा है
पटना। कोरोना का ग्रहण हमारी जिंदादिली के सामने छंटने लगा है। नई चुनौती से हम थोड़ी देर के लिए घबराये जरूर, पर उतनी ही जल्दी और उतने ही दमखम के साथ जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। लॉकडाउन- चार में मिली छूट के बाद जीवन का उत्सव गुलजार होने लगा है। शादी वाले घरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। कोरोना काल की शादियां कई मायनों में खास होंगी। इन शादियों में कई नई चीजें देखने को मिल सकती हैं। इन शादियों में शहनाई बजेगी, सात फेरे होंगे, सिंदूर दान और बरातियों का स्वागत भी होगा, लेकिन तरीका बदल जाएगा। शादियों में शारीरिक फासला बरतने और स्वच्छता का ख्याल रखने की चुनौती होगी। बरातियों का स्वागत फूलों की जगह सैनिटाइजर से होगा, वहीं दूल्हा-दुल्हन मास्क पहनकर सात फेरे लेंगे। इसकी शुरुआत हो चुकी है। अगले महीने होने वाली शादियों में ऐसा ज्यादा देखने को मिलेगा।
बिना बैंड-बाजा के बेगूसराय गई बरात : बेली रोड के रहने वाले निशांत सिंह की शादी 18 मई को हुई थी। वह बताते हैं कि लॉकडाउन के पहले ही उनकी शादी फाइनल थी। लॉकडाउन- चार में थोड़ी छूट मिलने के बाद हमने शादी की तारीख टालने का ख्याल छोड़ दिया। बिना किसी शोर-शराबे के बरात लेकर गए और शादी कर ली। लड़की वाले बेगूसराय के रहने वाले हैं। 17 को ही डीएम से आदेश लेकर पांच लोग बारात में गए और घर में ही शादी कर ली। मास्क पहन कर ही सारे विधान हुए। अविनाश कुमार की शादी 22 जून को है। उनका कहना है कि एसडीओ से शादी के लिए अनुमति ले ली है। शादी में दूर-दराज के दोस्त और रिश्तेदार नहीं आ पाएंगे।
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गले मिलने और हाथ मिलाने से रहेगा परहेज
दानापुर के रहने वाले विक्रम सिंह ने बताया कि उनकी बेटी की शादी 22 जून को है। इसके लिए वह पूरी सावधानी से तैयारी कर रहे हैं। संक्रमण की आशंका कम करने के लिए बरातियों के स्वागत में फूलों का इस्तेमाल नहीं होगा। इसकी बजाय सभी को सैनिटाइजर से हाथ धुलवाया जाएगा। गले मिलने और हाथ मिलाने से भी परहेज रहेगा।
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दुकानों में गोदाम से निकलने लगीं शादी से जुड़ीं चीजें :
बाजार में भी रौनक लौट आई है। बोरिग रोड में अपनी दुकान चलाने वाले मनीष कुमार ने बताया कि शादी से जुड़ी चीजें गोदाम से निकलवानी शुरू कर दी हैं। लहंगा और दूल्हा की शेरवानी से लेकर पार्टी में पहने वाले कपड़ों को दुकान में सजा दिया गया है।
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ई- कार्ड की मांग हुई तेज : लॉकडाउन की बंदिशों की वजह से ज्यादा लोगों को शादी में नहीं बुला सकते हैं। दूसरी तरफ दूर-दराज के मित्रों और स्वजनों के आने में तमाम मुश्किलें भी हैं। इसलिए लोग परंपरागत शादी कार्ड की जगह ई-कार्ड का सहारा ले रहे हैं। ई-कार्ड बनाने वाले सौरभ का कहना है कि इसे बनाने में 300 रुपये लगते हैं। यह वीडियो फॉर्मेट में होता है और इसमें वह तमाम जानकारी होती है जो शादी कार्ड में छपती है। ई-कार्ड शानदार म्यूजिक और वीडियो से खास बन जाता है। अगर ई-कार्ड की अवधि तीन मिनट से ज्यादा रखनी है तो उसके पैसे अलग से लगते हैं।