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बिहारः कोरोना के बाद हार्ट अटैक से 14 और फेल्योर से 40 फीसद मौतें, जानें कहां हो रही चूक

पोस्ट कोविड लक्षणों से भर्ती हुए मरीजों में हार्ट फेल्योर से 40 फीसद की मौतें हुई हैं। इसके अलावा हार्ट अटैक से 14 और हृदय के अनियमित गति (एरीदीमिया) से चलने से 40 फीसद मौतें हुईं। ये तथ्य आइजीआइएमएस के कार्डियोलाजी विभाग के शोध में सामने आए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 11:11 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 11:11 PM (IST)
पोस्ट कोविड लक्षणों से भर्ती हुए मरीजों में हार्ट फेल्योर से 40 फीसद की मौतें हुई हैं। प्रतीकात्क तस्वीर।

नलिनी रंजन, पटना : कोरोना संक्रमण के बाद यानी पोस्ट कोविड लक्षणों से भर्ती हुए मरीजों में हार्ट फेल्योर से 40 फीसद की मौतें हुई हैं। इसके  अलावा हार्ट अटैक से 14 और हृदय के अनियमित गति (एरीदीमिया) से चलने से 40 फीसद मौतें हुईं। ये तथ्य इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के कार्डियोलाजी विभाग के शोध में सामने आए हैं। 

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कार्डियोलाजी विभागाध्यक्ष डा. बीपी सिंह के नेतृत्व में हो रहे शोध में मुख्य रूप से डा. नीरव कुमार एवं डा. रवि विष्णु प्रसाद व डीएम छात्रा डा. आकांक्षा हैं। डा. गौतम कुमार, डा. चंद्रभानु चंदन, डा. पवन कुमार भी सहयोग कर रहे हैं। शोध को 31 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। डाक्टरों की टीम ने कोविड के बाद आइजीआइएमएस में पहुंचे 750 से अधिक मरीजों पर अध्ययन किया। इनमें 238 मृतक भी शामिल हैं। मरने वालों में ज्यादातर अर्टियल फ्रीबिलेशन तथा वेंटीकूलर टेकीकार्डिया के केस थे। 37 फीसद में हार्ट के चारों तरफ पानी जमा था। यह इस बात का संकेत है कि इन मरीजों में हार्ट का संक्रमण हुआ। मरने वालों में 50 साल से कम उम्र के भी लोग हैं। शोध में ज्ञात हुआ है कि कोविड के बाद सतर्कता और डाक्टर के संपर्क में रहने से काफी जानें बचाई गईं। 

गंभीर होने पर हार्ट को इनवाल्व करता  संक्रमण 

कार्डियोलाजी विभागाध्यक्ष डा. बीपी सिंह एवं डा. नीरव कुमार ने बताया कि कोविड से गंभीर होने पर हार्ट इनवाल्व होता है। वायरस एसीई रिस्पेटर से अटैच होता है। सबसे अधिक रिस्पेटर लंग्स में पाया जाता है, दूसरा सबसे बड़ा रिस्पेटर हार्ट में होता है। वायरस के हार्ट के रिस्पेटर से अटैच होते ही इम्यून सिस्टम शरीर के विरुद्ध कार्य करने लगता है। इससे हार्ट के मसल में संक्रमण होता है। इससे हार्ट फैलने लगता है और पंपिंग क्षमता कम जाती है। लंग्स में प्रेशर बढ़ने के साथ ही सांसें फूलने लगती हैं। हार्ट फेल्योर होने से मौत हो जाती है। 

स्पेशल एथिकल कमेटी की अनुमति से शोध

आइजीआइएमएस निदेशक डा. एनआर विश्वास व एथिकल कमेटी के सचिव सह चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने शोध को लेकर स्पेशल एथिकल कमेटी की बैठक कराई। इसमें शोध को मंजूरी दी गई।


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