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बिहार में सीटों को लेकर राजद-कांग्रेस में फिर फंसा पेच, चार की पेशकश; सात पर किया दावा

2015 के समझौते के आधार पर राजद ने कांग्रेस के लिए चार सीटों की पेशकश की है। इधर कांग्रेस सात सीटों की मांग कर रही है। राजद ने उसके दावे की कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार को तैयारी के लिए कह दिया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 02:48 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 02:48 PM (IST)
बिहार में सीटों को लेकर राजद-कांग्रेस में फिर फंसा पेच, चार की पेशकश; सात पर किया दावा
राजद सुपीमो लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना: विधान परिषद चुनाव में सीटों को लेकर राजद और कांग्रेस बीच पेच फंस गया है। 2015 के समझौते के आधार पर राजद ने कांग्रेस के लिए चार सीटों की पेशकश की है। इधर, कांग्रेस सात सीटों की मांग कर रही है। कांग्रेस की नाराजगी इस बात पर भी है कि राजद ने उसके दावे की कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार को तैयारी करने के लिए कह दिया है। हालांकि, राजद ने अबतक उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी नहीं की है।

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2015 के विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस सहरसा, कटिहार, पूर्णिया और पश्चिमी चम्पारण से चुनाव लड़ी थी। इस बार कांग्रेस ने सहरसा से अपना दावा वापस ले लिया। दरभंगा, बेगूसराय, सीतामढी और भागलपुर जैसी नई सीटों की मांग की है। भागलपुर भाकपा के कोटे में चली गई है। 

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा था कि कांग्रेस को छह-सात सीटें दी जा सकती हैं। इसी आधार पर कांग्रेस ने तैयारी शुरू की थी। प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने भी तेजस्वी यादव से बातचीत के दौरान सात सीटों पर उम्मीदवार देने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में सोमवार को कहा-इन सीटों पर हमारे उम्मीदवार तैयार हैं। उम्मीद है कि राजद इन सीटों पर उम्मीदवार देने का फैसला नहीं करेगा।

क्यों है नाराजगी

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पार्टी के सभी विकल्प खुले हुए हैं। अगर राजद से सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती है तो सात या उससे अधिक सीटों पर भी कांग्रेस के उम्मीदवार उतर सकते हैं। कांग्रेस की नाराजगी इस बात पर भी है कि राजद ने पश्चिमी चम्पारण के लिए भी अपना उम्मीदवार दे दिया है। जबकि यह कांग्रेस की जीती सीट थी। इसी तरह दरभंगा और बेगूसराय में भी राजद के उम्मीदवार घूम रहे हैं।

चार से अधिक की उम्मीद नहीं

इधर, राजद की झोली में कांग्रेस के लिए चार से अधिक सीट नहीं है। तर्क यह कि कांग्रेस के पास इस चुनाव में लड़ने लायक सक्षम उम्मीदवार नहीं है। इसे देखते हुए कांग्रेस को उम्मीदवार के साथ सीट देने पर विचार कर सकता है। संयोग से कुछ ऐसे उम्मीदवार भी मैदान में हैं, जिनकी अर्जी दोनों दलों में पड़ी हुई है। बेगूसराय से ऐसे ही एक उम्मीदवार की चर्चा दोनों दलों में है।

कांग्रेस क्या करेगी?

क्या कुशेश्वरस्थान और तारापुर उप चुनाव की पुनरावृत्ति होगी? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा कि बातचीत के जरिए विवाद सलटाने का रास्ता बचा हुआ है। कांग्रेस में नीतिगत लेने की जिम्मेवारी आलाकमान की है। हमें जैसा कहा जाएगा, करेंगे।


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