EXCLUSIVE: बिहार में जनता बुरी तरह परेशान, कांग्रेस बनेगी उम्मीद की किरण...
कांग्रेस पार्टी बिहार में अपनी पुरानी पहचान वापस पाने की कोशिश में लगी है। कांग्रेस का मानना है कि इस समय बिहार की जनता मौजूदा सरकार से परेशान है और कांग्रेस उम्मीद की किरण बनेगी।
पटना, सुनील राज। अगले कुछ दिन वे यहां रहकर पार्टी के कार्यकलाप का आकलन करेंगे। उनकी इस यात्रा के बीच करीब 32 वर्षों तक बिहार की सत्ता पर काबिज रही कांग्रेस ने 90 के दशक के बाद से बुरे दिन देखे हैं। क्षेत्रीय दलों की बढ़ती ताकत ने बिहार की राजनीति से कांग्रेस को करीब-करीब बाहर का रास्ता दिखा दिया। 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर मजबूती के साथ उठ खड़ी हुई। इस वर्ष फिर वह चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की तैयारी में है। कांग्रेस ने प्रदेश को उत्तर-दक्षिण जोन में बांटकर प्रभारी नियुक्त किए हैं। उत्तर बिहार के लिए प्रभारी बनाए गए अजय कपूर से दैनिक जागरण ने वर्तमान राजनीति को लेकर बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसके मुख्य अंश...
प्र. आप बिहार के सात दौरे कर चुके हैं, कहां पाते हैं कांग्रेस को?
उ. कांग्रेस में बहुत पोटेंशियल है। पार्टी और पार्टी का कार्यकर्ता यहां बहुत मजबूत स्थिति में है। बस जगह-जगह पर इन्हें इकट्ठा करने की जरूरत है। अगर ये एकजुट होकर लड़ें तो ये कांग्रेस का परचम भी फहरा सकते हैं।
प्र. कांग्रेस की यह ताकत चुनाव के मैदान में नहीं दिखती?
उ. ऐसा नहीं। कांग्रेस हर चुनाव अपनी पूरी ताकत से लड़ती है। आज जनता भी इस पार्टी की तरफ देख रही है। क्योंकि वह बुरी तरह से त्रस्त है। जाति-पात, सांप्रदायिकता, विकास का न हो जैसे मुद्दे उसके लिए परेशानी का सबब हैं। कांग्रेस जनता की इसी परेशानी को लेकर चुनाव मैदान में जाएगी और हम पिछले तमाम चुनावों से बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
प्र. बिहार में जनता सरकार के काम से संतुष्ट दिखती है?
उ. कतई नहीं। बिहार की सरकार हर मोर्चे पर फेल है। शिक्षा, स्वास्थ्य या फिर किसान सब परेशान हैं। ऐसे में संतुष्टि कहां। इसीलिए मैंने पहले कहा जनता निराश हो चुकी है और इसलिए कांग्रेस की ओर देख रही है। जनता चाहती है कांग्रेस एक बार फिर प्रदेश में अच्छे शासन की शुरुआत करे।
प्र. तमाम राजनीतिक दल चुनावी तैयारी में जुट चुके हैं? कांग्रेस सुस्त गति में क्यों चलती है?
उ. कांग्रेस सुस्त नहीं। वह सही वक्त का इंतजार करती है। हमने अपने संगठन को सशक्त बनाने का काम शुरू कर दिया है। कल से मेरा उत्तर बिहार के जिलों का दौरा शुरू हो रहा है। मंगलवार से बीरेंद्र सिंह राठौर का दक्षिण बिहार का दौरा शुरू हो जाएगा। हम चुनाव को लेकर किसी भी दूसरे संगठन से आगे ही चल रहे हैं पीछे नहीं हैं। आज मैंने पार्टी के पूर्व सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों के साथ बैठक की है। यह काम अभी लगातार चलेगा।
प्र. सीएए, एनआरसी, एनपीआर भी क्या चुनाव का मुद्दा होगा?
उ. इन मुद्दों पर लगातार विरोध हो रहा है। चुनाव में हमारा मुद्दा होगा बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा किसानों की खुशहाली और राज्य का सही तरीके से पूरी गति के साथ विकास।
प्र. बिहार के उसके सहयोगी दलों का रवैया क्या है?
उ. जाहिर है सहयोगियों का रवैया सकारात्मक है। हम अपने सिद्धांतों के साथ एक दूसरे के साथ खड़े हैं। हममें कोई मतभेद नहीं और आगे भी सहयोग का यह वातावरण बना रहेगा।
प्र. बीच-बीच में छोटे भाई और बड़े भाई का मसला भी उठता है?
उ. ऐसी कोई बात नहीं। कोई छोटा-बड़ा नहीं। फिलहाल सब अपने तरीके से चुनावी की तैयारी में जुटे हुए हैं। जब वक्त आएगा और सभी दल के लोग साथ बैठेंगे तो हमारी नेता सोनिया गांधी-राहुल गांधी के नेतृत्व में तय हो जाएगा कि चुनाव में कौन बड़ा और कौन छोटा भाई बनेगा।
प्र. मतलब सहयोगी दलों से कोई शिकवा शिकायत नहीं?
उ. क्यों रहेगा। सबका एक एजेंडा है हमें देश और राज्य के विकास में बाधा बने लोगों को सत्ता से बाहर करना है। सब साथ मिलकर चलेंगे तभी हम अपने मकसद में सफल भी हो सकेंगे।