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लोकसभा चुनाव में मिली हार पर कांग्रेस ने किया मंथन, महागठबंधन पर फोड़ा ठीकरा

बिहार में लोकसभा में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने रविवार को समीक्षा बैठक की। टिकट बंटवारे पर भी हुईं बातें। मिथिलांचल में पार्टी को सीट नहीं मिलने का दिखा गम।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 04:37 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 10:43 PM (IST)
लोकसभा चुनाव में मिली हार पर कांग्रेस ने किया मंथन, महागठबंधन पर फोड़ा ठीकरा

पटना, जेएनएन। बिहार लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद रविवार को कांग्रेस ने समीक्षा बैठक की। इसमें हार को लेकर नेताओं ने मंथन किया। मंथन में कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष मदन मोहन झा, राज्‍यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह के अलावा कार्यकारी अध्‍यक्षों में कौकब कादरी, समीर सिंह, श्‍याम सुंदर सिंह धीरज समेत अन्‍य दिग्‍गज नेता शामिल हुए। जिलों से आए पार्टी के अध्‍यक्षों ने महागठबंधन पर ठीकरा फोड़ा। 

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बता दें कि बिहार में हुए लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में सिर्फ कांग्रेस को सफलता मिली थी। बिहार की 40 सीटों में से केवल एक सीट किशनगंज पर कांग्रेस को जीत मिली थी। यहां से कांग्रेस उम्‍मीदवार डॉ जावेद ने जीत हासिल की थी। बाकी महागठबंधन शामिल दल का खाता तक नहीं खुला था। राजद, हम, रालोसपा, वीआइपी आदि पार्टियां जीरो पर आउट हो गई थीं।  

बैठक में बिहार के कई जिलों से कांग्रेस अध्‍यक्ष आए। कांग्रेस की हुई हार की समीक्षा की गई। पार्टी के वरीय नेताअों ने जिलाध्‍यक्षों के मन की बात सुनी। जानकारी के अनुसार अधिसंख्‍य जिलाध्‍यक्षों ने कांग्रेस की हार के लिए महागठबंधन को जिम्‍मेवार माना। कहा गया कि ठीक से गठबंधन नहीं हुआ था और कांग्रेस को कमतर आंका गया।  साथ ही महागठबंधन में समन्‍वय भी ठीक से नहीं था। इन सबकी वजह से कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा।

इतना ही नहीं, बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही प्रदेश में जनसंवाद अभियान आरंभ करेगी। पहले यह अभियान जिला एवं प्रखंड स्तर पर चलेगा और फिर बाद में इसे पंचायत स्तर पर चलाया जाएगा। लोकसभा चुनाव में हार के कारणों पर चर्चा करते हुए जिलाध्यक्षों ने बताया कि जमीनी स्तर पर महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में समन्वय नहीं था। करीब चार घंटे तक चली बैठक में राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था व्यक्त की गई। पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डा. समीर सिंह ने राहुल गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने रहने संबंधी प्रस्ताव पेश किया, जिसे सभी ने सर्वसम्मति से पारित किया। साथ ही बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के भी प्रभारी बने रहने की बैठक में वकालत की गई। पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गोहिल ने पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया है। 

बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्‍यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की पहली कड़ी में जिलाध्यक्षों की यह बैठक आयोजित की गई थी। अगली कड़ी में कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक बुलाई जाएगी। तत्पश्चात यह समीक्षा कांग्रेस की कार्यकारिणी की बैठक और प्रमंडल स्तर पर बैठक कर की जाएगी। समीक्षा के बाद पूरी रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को सौंपी जाएगी। बैठक में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी एवं श्याम सुंदर सिंह धीरज, कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, मीडिया प्रभारी एचके वर्मा आदि भी मौजूद थे।  

वहीं बैठक में शामिल होने से पहले अखिलेश सिंह ने कहा कि बिहार में कांग्रेस ने नौ सीटों पर अपना उम्‍मीदवार उतारा था। उन्‍होंने कहा कि हमारे सभी उम्‍मीदवार मजबूत थे, इसलिए उन्‍हें पार्टी ने टिकट दिया था। वे कहीं से कमजोर नहीं हुए थे। अखिलेश सिंह ने मीडिया को यह भी बताया कि मिथिलांचल में कांग्रेस को टिकट नहीं मिलने का गम है। कीर्ति आजाद दरभंगा के सिटिंग एमपी थे, उन्‍हें टिकट मिलना चाहिए था। यदि वे वहां से उम्‍मीदवार होते तो संभव था कि रिजल्‍ट कुछ और होते। 

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