बिहार: उपचुनाव में कांग्रेस को तेजस्वी का झटका, भभुआ सीट पर फंसा पेंच
आगामी लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव की सभी सीटों पर राजद की दावेदारी से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। खासकर भभुआ विधानसभा सीट पर पेंच फंस गया है।
पटना [जेएनएन]। बिहार में लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव की सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की दावेदारी से महागठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस को झटका लगा है। खासकर भभुआ विधानसभा सीट को लेकर, जिसे लेकर राजद व कांग्रेस दोनों ने दावेदारी की है। रविवार को पूर्णिया में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पुत्र व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सभी सीटों पर राजद की उम्मीदवारी जता राजनीति गरमा दी है।
बता दें कि सितंबर में राजद सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन से अररिया लोकसभा सीट रिक्त है, जबकि अक्टूबर में राजद विधायक मुंद्रिका सिंह यादव के निधन के बाद से जहानाबाद विधानसभा सीट पर 11 मार्च को उपचुनाव होना है। वहीं भाजपा विधायक आनंद भूषण पांडेय का नवंबर में निधन होने से भभुआ विधानसभा सीट खाली है। चुनाव आयोग एक साथ इन सीटो पर उपचुनाव कराने जा रहा है।
भभुआ पर दोनों दलों का दावा
महागठबंधन की बात करें तो उपचुनाव में भभुआ को लेकर पेंच फंस गया है। बीते दिन बिहार कांगेेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा था कि पार्टी की भभुआ विधानसभा सीट पर दावेदारी है। इसी बीच राजद ने भी यहां अपना दावा ठोक दिया है। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह के अनुसार उनकी पार्टी सभी सीटों पर आम राय के अनुसार चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस की तरफ से कौकब कादरी के दावे पर प्रतिक्रिया में शक्ति सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस के लिए दावा करना कादरी का कर्तव्य है, जिसपर उन्हें कुछ नहीं कहना, पर सीट पर राजद के दावे का आधार तो बनता ही है।
इसके बाद रविवार को अपनी न्याय यात्रा के दौरान पूर्णिया पहुंचे तेजस्वी यादव ने भी कहा कि राजद सभी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। इसपर फैसला मिल-बैठकर होगा।
राजद की दावेदारी पर फिर प्रतिक्रिया देते हुए कौकब कादरी ने कहा कि नेता लोग अपने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए ऐसे बयान देते रहते हैं। सीट पर प्रत्याशी बड़े नेता मिलकर तय करेंगे।
राजद की तरफ से इनकी चर्चा
राजद की बात करें तो भभुआ सीट पर प्रत्याशी तय करने में वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वैसे पूर्व विधायक रामचंद्र यादव की दावेदारी अभी तक आगे दिख रही है। रामचंद्र महागठबंधन के पहले समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे, जो बाद में लालू के साथ आ गए थे।
तस्लीमुद्दीन-मुंद्रिका के उत्तराधिकारी तय
जहां तक अररिया लोकसभा सीट की बात है, जदयू छोड़ राजद में आए पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम की दावेदारी तय मानी जा रही है। लालू प्रसाद यादव को यहां अपने पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन का उत्तराधिकारी मिल गया है।
उधर, जहानाबाद विधानसभा सीट के लिए भी राजद की दावेदारी तय है। यहां मुंद्रिका सिंह यादव के परिवार में घमासान है। बड़े-छोटे पुत्र उदय और सुदय यादव के बीच टिकट हथियाने की होड़ है। यहां पार्टी मुंद्रिका सिंह यादव की पत्नी को भी मैदान में उतार सकती है। वैसे पूर्व विधायक सचिदानंद यादव और मुनीलाल यादव की भी चर्चा है। मुनीलाल को पिछली बार लालू ने आश्वासन भी दे रखा था, लेकिन मुंद्रिका के सामने दावेदारी फीकी पड़ गई थी।