RJD की समीक्षा बैठक से कांग्रेस ने किया खुद को किनारा, तेजस्वी बोले- चुनाव हारे हैं, हौसला नहीं
लोकसभा चुनाव में राजद की करारी शिकस्त के बाद समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। पटना स्थित राबड़ी आवास पर बुधवार को लगातार दूसरे दिन राजद की बैठक हुई पर इसमें कांग्रेस नहीं पहुंची।
पटना [जेएनएन]। लोकसभा चुनाव में राजद की करारी शिकस्त के बाद समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। पटना स्थित राबड़ी आवास पर बुधवार को लगातार दूसरे दिन राजद की बैठक हुई। आज की बैठक महागठबंधन नेताओं की हुई, लेकिन इस बैठक से कांग्रेस ने खुद को किनारा कर लिया। महागठबंधन में शामिल घटक दल कांग्रेस का कोई भी प्रतिनिधि बैठक में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचा। बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने महागठबंधन में किसी तरह के फूट से इनकार किया।
तेजस्वी बोले: चुनाव में हार-जीत लगी रहती है
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव हारे हैं, लेकिन हौसला नहीं हारे हैं। चुनाव में हार-जीत लगी रहती है। इससे हमलोग घबराने वाले नहीं हैं। यह अंतिम हार नहीं है। हमलोग एकजुट होकर मुकाबला करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए ने जनता को भ्रमित करने का काम किया। एनडीए के लोगों ने जो भ्रमजाल फैलाया, उसकी सच्चाई जनता को बताएंगे। इसके लिए राजद की ओर से टीम गठित की गई है। टीम जांच के लिए गांव-गांव जाएगी और सच्चाई जानेगी। टीम के अध्यक्ष जगदानंद सिंह हैं।
दिल्ली में होनेवाली कांग्रेस की बैठक में होंगे शामिल
उन्होंने बैठक में कांग्रेस के शामिल नहीं होने से किनारा करते हुए कहा कि महागठबंधन में कोई फूट नहीं है। हमलोग एकजुट हैं और कांग्रेस के नेतृत्व में दिल्ली में होनेवाली बैठक में राजद भी शामिल होगा। वहां से राजद को न्यौता मिला। उन्होंने कहा कि हमारी राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अहमद पटेल से बात भी हुई है। दो-तीन दिनों में दिल्ली में बैठक होनेवाली है। हालांकि पटना की बैठक में कांग्रेस के शामिल नहीं होने पर वे कुछ नहीं बोले।
मंगलवार को हारे हुए उम्मीदवारों की हुई थी बैठक
गौरतलब है कि मंगलवार को भी राजद की समीक्षा बैठक हुई थी। हंगामे की आशंका को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर आयोजित बैठक का स्वरूप ही बदल दिया गया था। तब जगदानंद सिंह संकटमोचक बनकर उभरे। उन्होंने एक साथ बैठक के बदले एक-एक कर अपनी राय रखने को कहा। इसके तहत सभी उम्मीदवारों ने बारी-बारी से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के सामने अपनी राय रखी। बाद में जगदानंद ने उम्मीदवारों के सामने घोषणा की कि हार का असली कारण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का षडय़ंत्र है। हम सब मिलकर उसका मुकाबला करेंगे। बैठक में जनादेश के कथित घोटाले की जांच के लिए समिति बनाने का फैसला किया गया।
तेजस्वी बने रहेंगे विपक्ष के नेता
दूसरी बात यह तय हुई कि तेजस्वी यादव विधानसभा में विपक्ष के नेता बने रहेंगे। विधानसभा का अगला चुनाव भी उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। हार के बावजूद महागठबंधन कायम रहेगा। जमीनी स्तर पर हार की समीक्षा के लिए पूर्व मंत्री जगदानंद की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। सदस्य के तौर पर अब्दुल बारी सिद्दीकी और आलोक मेहता शामिल हैं। यह समिति 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देगी। इसके जरिए जनता को बताया जाएगा कि एनडीए ने किस तरह षडय़ंत्र के जरिए बहुमत हासिल किया है।
'जनादेश का किया गया अपहरण'
बैठक के बाद जगदानंद ने पत्रकारों के इस सवाल को पूरी तरह खारिज किया कि लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के पारिवारिक विवाद के कारण आरजेडी और महागठबंधन (Grand Alliance) की हार हुई। उन्होंने कहा कि यह मामूली बात है। असल मामला यह है कि जनादेश का अपहरण किया गया। हमलोग इसे एनडीए के पक्ष में जनादेश नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि हार से कोई हताश नहीं है। मान कर चल रहे हैं कि जनादेश हमारे पक्ष में था। हम विधानसभा का चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगे और जीतेंगे भी। उनका कहना था कि एनडीए के नेताओं की सभाओं में भीड़ नहीं रहती थी। उनके नेताओं के चेहरे उड़े रहते थे। इसके बाद भी बड़े फासले से एनडीए की जीत गड़बड़ी के बिना संभव नहीं है। दूसरी तरफ महागठबंधन के नेताओं की सभा में काफी भीड़ रहती थी। मीडिया के लोग भी मान रहे थे महागठबंधन का पलड़ा भारी है।
लालू का मिलता रहेगा मार्गदर्शन
तेजस्वी यादव को विरोधी दल के नेता से हटाने के सवाल पर जगदानंद ने कहा कि यह कैसे संभव है। तेजस्वी ने चिलचिलाती धूप में 235 सभाएं कीं। बड़ी संख्या में लोग उन्हें सुनने आए। वे ऊर्जावान नेता हैं। उन्होंने नौजवानों के बीच जो उत्साह पैदा किया, वही विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन के काम आएगा। विपक्ष के नेता पद से हटने की बात कहां हैं। विधानसभा का अगला चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। हमारी जीत भी होगी। उन्होंने कहा कि अपने नेतृत्व पर आरजेडी को पूरी आस्था है। हमें लालू प्रसाद का मार्गदर्शन मिलता रहेगा। पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के फैसले के मुताबिक तेजस्वी यादव पार्टी का नेतृत्व करेंगे।
तेजप्रताप बोले- यह वोटिंग नहीं, सेटिंग की जीत
इसके पहले तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने तेजस्वी को 'प्रिय अर्जुन' कह कर संबोधित किया। यह भी कहा कि 2020 में हमलोग मिलकर लड़ेंगे। इस हार के लिए तेजस्वी कहीं से दोषी नहीं हैं। उन्होंने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी भी हार गए। कांग्रेस भी हार गई। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उनकी हार नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जनादेश को ठगने का काम किया। वे बोलते कुछ हैं और करते कुछ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। इस्तीफा मांगने वाले खुद पार्टी छोड़ दें।
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