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राजस्‍थान में बोले सीएम नीतीश- न्याय के साथ विकास अधिक महत्वपूर्ण

राजस्‍थान के बांसवाड़ा में बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि न्‍याय के साथ विकास अधिक महत्‍वपूर्ण है। मैंने हमेशा इस बात का ध्‍यान रखा है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 30 May 2018 08:55 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 06:15 PM (IST)
राजस्‍थान में बोले सीएम नीतीश- न्याय के साथ विकास अधिक महत्वपूर्ण
राजस्‍थान में बोले सीएम नीतीश- न्याय के साथ विकास अधिक महत्वपूर्ण

पटना [राज्‍य ब्‍यूरो]। बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बुधवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि 'न्याय के साथ विकास' अधिक महत्वपूर्ण है। समाज के सभी तबकों का समान विकास होना चाहिए। मुझे मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का जब से मौका मिला है, मैंने हमेशा इस बात का ध्यान रखा है। बासवाड़ा, प्रसिद्ध समाजवादी नेता स्वर्गीय मामा बालेश्वर दयाल का कार्य क्षेत्र रहा है। उन्हें याद करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि लोहिया और जेपी के कारण मैं भी समाजवादी नेता बना।

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नीतीश कुमार ने कहा कि छात्र जीवन से ही मैं लोहिया के विचारों से प्रभावित था। उन्होंने समाज की कुरीतियों को दूर किया। उनके विचारों ने मुझे प्रेरित किया। बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को अभी हम दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।  मुझे 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के साथ काम करने का मौका मिला। उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा।

उन्‍होंने कहा कि मामा बालेश्वर ने अपनी पूरी जिंदगी आदिवासियों के उत्थान में लगा दी। महिलाओं में जागृति लाई, शराब से मुक्ति दिलाई, बाल विवाह के खिलाफ भी अभियान चलाया। उनसे मुझे बहुत प्रेरणा मिली। जब मैं रेल मंत्री था तब राजस्थान और उससे सटे मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों को रेल मार्ग से जोडऩे का प्रयास किया था।

न्याय के साथ विकास की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि 2005 में जब मैं बिहार का मुख्यमंत्री बना तो उसके तीन माह बाद ही पंचायत राज व्यवस्था में महिलाओं को पचास फीसद आरक्षण दिया। अतिपिछड़ों को भी आरक्षण दिया गया। आरक्षण के फैसले से बिहार में महिला सशक्तीकरण का एक न्याय अध्याय आरंभ हुआ। महिला सशक्तीकरण के लिए हमने कई और भी पहल की है, जिसका बहुत बेहतर नतीजा सामने आ रहा है।

नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से बिहार में गरीब तबके को सबसे अधिक नुकसान हो रहा था। गरीब अपनी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा शराब में गंवा देते थे। महिलाओं ने शराब पर पाबंदी लगाने को आवाज उठाई। हमने उनकी बात मानते हुए बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की है। लोग कहते थे कि शराबबंदी से पांच हजार करोड़ राजस्व का घाटा होगा। मैंने कहा पांच हजार करोड़ के राजस्व का भले ही घाटा हो, लेकिन लोगों को 15 हजार करोड़ का फायदा होगा।

समाज को नशामुक्ति की ओर ले जाने के लिए मानव श्रृंखला भी बिहार में बनाई गई। शिक्षा और बिजली के क्षेत्र में बिहार में बहुत काम हो रहा है। बिहार का कोई टोला अब बिना बिजली के नहीं है। सभी बच्चों को स्कूल तक लाने की कोशिश की गई। गांधी जी के विचारों से प्रेरित होकर हमने काम किया है।

पार्टी के बिहार से बाहर विस्तार पर जोर देते हुए उन्होंने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव पर उनका नाम लिए बिना निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुझ से पहले जो लोग पार्टी देखते थे, उन्होंने पार्टी के विस्तार के लिए कुछ नहीं किया। 


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