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अमित शाह के सामने नीतीश ने रखी 'विशेष' मांग, कहा- बिहार को मिले स्‍पेशल स्‍टेट का दर्जा

सीएम नीतीश ने फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। भुवनेश्वर में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में यह मांग की गयी।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 07:11 PM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 05:07 PM (IST)
अमित शाह के सामने नीतीश ने रखी 'विशेष' मांग, कहा- बिहार को मिले स्‍पेशल स्‍टेट का दर्जा
अमित शाह के सामने नीतीश ने रखी 'विशेष' मांग, कहा- बिहार को मिले स्‍पेशल स्‍टेट का दर्जा

पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। भुवनेश्वर में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 24 वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में उन्होंने यह मांग रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोहरे अंक की विकास दर हासिल करने के बावजूद विकास के प्रमुख मापदंडों जैसे गरीबी रेखा, प्रति व्यक्ति आय, औद्योगीकरण तथा भौतिक आधारभूत संरचना में बिहार राष्ट्रीय औसत से नीचे है। ऐसी स्थिति देश के कई अन्य राज्यों की भी है। बिहार सहित इन पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिलना जरूरी है। वह पुन: अपनी इस मांग को दोहराते हैैं, ताकि बिहार को उसका वाजिब हक मिल सके और हम देश की प्रगति में अपना योगदान कर सकें।

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पिछड़ा क्षेत्र विकास निधि का बकाया तुरंत जारी हो

मुख्यमंत्री ने पिछड़ा क्षेत्र विकास निधि (बीआरजीएफ) के तहत बकाया राशि जारी करने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र से अभी 911.82 करोड़ रुपया मिलना है। नीति आयोग के पास 510.91 करोड़ के विरुद्ध 500 करोड़ रुपए की पथ प्रक्षेत्र की योजना स्वीकृति हेतु भेजी गयी है।

महानंदा सिंचाई परियोजना का लंबित कार्य जल्द हो पूरा

मुख्यमंत्री ने महानंदा सिंचाई परियोजना का मसला प्रमुखता से उठाया। इस प्रोजेक्ट के लिए 1978 में बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच करार हुआ था। इसके तहत पश्चिम बंगाल के फुलवारी बराज से बिहार के किशनगंज जिले में 67000 एकड़ में सिंचाई की सुविधा मिलनी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार इस योजना के लंबित काम को पूरा कराकर बिहार को सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराए।

तिलैया ढाढर बराज के लिए झारखंड से नहीं मिल रहा पानी

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार-पश्चिम बंगाल एकरारनामा 1978 के तहत तिलैया डैम से दो लाख एकड़ फीट पानी बिहार को मिलना है। बिहार के फतेहपुर में बराज का निर्माण पूरा कर लिया गया है पर झारखंड सरकार जरूरत के हिसाब से पानी नहीं उपलब्ध करा रही है। इससे अभी मात्र 6,900 हेक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई के लिए नहर प्रणाली विकसित की जा सकी है।  झारखंड सरकार इस योजना के तहत बिहार को पानी की मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी की अविरलता को बरकरार रखने के उद्देश्य ,से राष्ट्रीय स्तर पर एक व्यापक गाद प्रबंधन नीति की आवश्यकता है। यह पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल हो।


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