राजगीर के जू सफारी में शेरों को देख मुस्कुराए सीएम, कहा-2009 में देखा था सपना, अब हुआ साकार
राजगीर में 177 करोड़ की लागत से 191 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बना जू सफारी (Zoo Sarari) बुधवार से खुल गया। फीता काटकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इसका उद्घाटन किया। इसके बाद काउंटर से 250 रुपये का पहला टिकट लेकर डेढ़ घंटे तक जू सफारी का आनंद लिया।
विशाल आनंद, राजगीर। राजगीर में 177 करोड़ की लागत से 191 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बना जू सफारी (Zoo Sarari) बुधवार से खुल गया। फीता काटकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इसका उद्घाटन किया। इसके बाद काउंटर से 250 रुपये का पहला टिकट लेकर डेढ़ घंटे तक जू सफारी का आनंद लिया। जंगलों में खुले में विचरण करते हुए भालू, बाघ व शेर को देखकर आनंदित होते रहे। उनके साथ गाड़ी में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, पर्यावरण व वन मंत्री नीरज कुमार के अलावा नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार भी थे।सीएम व अन्य लोगों ने हिरण सफारी क्षेत्र में प्रवेश से पहले टिकट काउंटर से बैट्री वाली गाड़ी पर सवार होकर प्रतीक्षालय तक का सफर किया। वहां हॉल में बड़े स्क्रीन पर जू-सफारी की विशेषताओं को देखा। सुरक्षा के बारे में भी अधिकारियों से जानकाली ली।जू-सफारी के मुख्य गेट से अंदर पहुंचकर सीएम ने बाघ, शेर, हिरण व भालू के स्टैच्यू को भी देखा। इस क्रम में परिसर में बने भगवान बुद्ध की प्रतिमा को नमन किया।
(बैटरी चालित वाहन से जू सफारी का भ्रमण करते सीएम नीतीश कुमार।)
सारे हिरण को एक जगह इकट्ठा करना था चुनौती
जू-सफारी के उद्घाटन के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सारे हिरण को एक जगह इकट्ठा करना चुनौती भरा काम था। कुछ पटना तो कुछ इधर-उधर थे। अब जब सभी जू-सफारी में आ गए हैं तो इनकी सुरक्षा व खाने का पूरा प्रबंध है। वन्य प्राणियों के लिए विश्रामालय बनाया गया है। सारी सुविधाओं से लैस अस्पताल है। यहां ट्रेंड चिकित्सक मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जू-सफारी में खाली पड़े जगहों पर पौधारोपण होगा। इसके बाद इसकी खूबसूरती और बढ़ जाएगी। पर्यटकों को यह और लुभाएगा। भालू, हिरण, शेर व बाघ सफारी में भी पौधारोपण होगा। इससे जंगल और घना होगा। वन्य प्राणियों के रहने में दिक्कत नहीं होगी। वन्य प्राणियों पर नजर रखने के लिए वाच टावर भी बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मकसद पास से वन्य प्राणियों को दिखाना
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा मकसद था कि लोग खुले में पास से वन्य प्राणियों को देख सकें। 2016 में शिलान्यास के बाद कई अड़चनें आईं। कई बार डिजाइन तैयार हुआ। उसमें संशोधन हुआ। अब 2022 में सपना साकार हुआ। इसके पहले अंदर पहुंचकर लगातार निरीक्षण किया, ताकि कहीं से कोई टीस न रह जाए।सीएम ने कहा कि जंगलों के बीच से जरासंध के अखाड़ा व सोन भंडार होते रास्ता बनने के बाद नेचर व जू-सफारी एक हो जाएगा। नेचर सफारी आने वाले को जू-सफारी जाने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अंदर से ही वह दोनों जगहों पर पहुंच सकता है। वन्य प्राणियों से उन्हें कोई खतरा न हो, इसके लिए रास्ते के दोनों ओर दीवारें बनाई जाएंगी। सात दिन रहकर बनाई रणनीति अब हो रही साकार
मीडिया को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि 2009 में यहां सात दिन रहकर टूरिज्म के बारे में रणनीति बनाई। अब सारी रणनीति साकार हो रही है। अधिसंख्य कार्य करा दिया। वेणुवन का जीर्णाेंद्वार कराया। यहां भगवान बुद्ध रहते थे। नई पीढ़ी के लोग अब यहां देखने आते हैं। पांडू पोखर का कायाकल्प हो गया।