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सीएम नीतीश ने रविशंकर प्रसाद से कहा- जो वादा किया वो तो निभाना पड़ेगा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से कहा कि मोबाइल कंपनियों ने वादा किया था लेकिन यहं मैन्यूफैक्चरिंग काऱखाना नहीं खुला। अब वादा को पूरा कीजिए।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 26 Feb 2018 05:37 PM (IST)Updated: Mon, 26 Feb 2018 11:50 PM (IST)
सीएम नीतीश ने रविशंकर प्रसाद से कहा- जो वादा किया वो तो निभाना पड़ेगा

पटना [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश  कुमार  ने केंद्रीय  आईटी  मंत्री  रविशंकर प्रसाद  से  कहा  कि  मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग  का  कारखाना  जल्द  से  जल्द  स्थापित  हो,  इससे  राज्य  के युवाओं  को  रोजगार  मिलेगा। राज्य  सरकार  की  तरफ  से  जो  भी  सहयोग  की  जरूरत  होगी,  उसे मुहैया  कराया  जाएगा। 

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 उन्होंने  कहा  कि  बक्सर  और  मुजफ्फरपुर  में  नाइलिट  का  सेंटर  भी  तेजी  से खुले ताकि  बिहार  के  युवाओं  को  इसका फायदा  मिल  सके।   मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  हमलोग  तेजी  से  विकास  के  लिए  मिशन  मोड  में  काम  कर  रहे  हैं  और   डिजिटल  इंडिया  की  तरफ  बढ़  रहे  हैं।

8.5 करोड़ लोग बिहार में मोबाइल यूज कर रहे, खुशी होती है 

 आज  बिहार जैसे  राज्य  में  साढ़े  आठ  करोड़  लोग  मोबाइल  का  उपयोग  कर  रहे  हैं।  देश  के  कोने-कोने  में  रहकर काम  करने  वाले  लोग  मोबाइल  के  जरिए  परिजनों  से  हालचाल  लेते  हैं  और  अन्य  सारी  जानकारियां भी  मोबाइल  के  माध्यम  से  लोगों  को  मिल  रही  हैं।  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  आज  आईटी के  बेहतर उपयोग  से  पारदर्शिता  आ  रही  है।  

अन्य  क्षेत्रों  में  भी  इसका  उपयोग  तेजी  से  हो  रहा  है । लेकिन  इस बात  से  सतर्क  रहने  की  जरूरत  है  कि  इसपर  निर्भरता  जरूरत  से  ज्यादा  ना  हो।  इसपर  ज्यादा निर्भरता  के  कारण  हमारे  युवाओं  के  अंदर  प्रतिभा  विलुप्त  हो  रही  है।  यह  सही  है  कि  हमारे  राज्य  के युवा  भी  देश  एवं  देश  से  बाहर  इस  क्षेत्र  में  रिसर्च  एवं  तकनीक  के  विकास  में  अपनी  भूमिका  बेहतर ढंग  से  निभा  रहे  हैं।  

मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  दुनिया  के  किसी  कोने  से  आप  एक  दूसरे  से  फोन  के जरिए  संपर्क  बना  सकते  हैं  लेकिन  आपस  में  मिलने  की  दिलचस्पी  अब  कम  हो  रही  है।  हमारी संस्कृति  एक  दूसरे  के  साथ  मेल-मिलाप  की  है,  जिसमें  हृस  हो  रहा  है।  इन  सब  चीजों  पर  सोचने की जरूरत  है।

मोबाइल के साइड इफेक्ट भी हैं 
मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  मोबाइल  के  जरिए  तो  बात  होती  है  लेकिन  उससे  उत्पन्न  तरंगों  से वातावरण  में प्रदूषण  की  समस्या  पैदा  हो  सकती  है।  इकोलॉजी  पर  बेव  का  निश्चित  रूप  से  असर पड़ता  होगा।  आज आनंद  और  आराम  के  लिए  तकनीक  का  सहारा  लिया  जा  रहा  है  लेकिन वास्तविक  आनंद  की  अनुभूति तकनीक  से  नहीं  हो  सकती  है।  

नई तकनीक के बिना काम नहीं चल सकता
मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  आज  पर्यावरण के  साथ छेड़छाड़  बढ़ गई  है,  इसका प्रभाव वातावरण  पर  प्रतिकूल पड़  रहा  है।   मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  आज  दुनिया  आईटी  के  क्षेत्र  में  काफी  आगे  निकल  चुकी  है। पीछे हटने  की  संभावना  नहीं  है।  नई  तकनीक  के  बिना  काम  नहीं  चल  सकता  है  लेकिन  कम  से  कम इसके  साथ-साथ  दस  प्रतिशत  पारंपरिक  तरीके  को  भी  बरकरार  रखना  चाहिए।

तकनीक  पर  अतिनिर्भरता  से  बचना  चाहिए
 पहले  हमलोग किताब  के  जरिए  ज्ञान  प्राप्त  किया  करते  थे,  आज  भी  अखबार  पढ़कर  बहुत  सारी  जानकारियां हमलोगों  को  मिलती  हैं।  लोग  कागजों  का  उपयोग  कम  करने  लगे  हैं  लेकिन  मैं  मानता  हूं  कि तकनीक  पर  अतिनिर्भरता  से  बचना  चाहिए।  उन्होंने  कहा  कि  किताब  पढ़ने  और  लिखने  का  दौर  अब धीरे-धीरे  खत्म  हो  रहा  है,  इसके  प्रति  सकारात्मक  रूख  जरूरी  है।  
मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  आज किसी  चीज  की  जानकारी  आसानी  से  इंटरनेट  के  जरिए  मिल  जाती  है।  इससे  खोज  के  जरिए जिज्ञासा  की  प्रवृत्ति  घीरे-धीरे  घटती  जा  रही  है।
 मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  बिहार  ज्ञान  एवं  विज्ञान  की भूमि  है।  उन्होंने  कहा  कि  आर्यभट्ट  ने  शून्य  दिया  था,  एस्ट्रोनॉमी  के  क्षेत्र  में  काम  हुआ,  बिहार  के युवाओं  में  भाषा  सीखने  की  प्रवृत्ति  और  गणित  में  रूचि  इनकी  खासियत  है।  यहां  के  युवा  काफी मेधावी  एवं  परिश्रमी  हैं।
  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  पटना  केंद्र  के  सॉफ्टवेयर  टेक्नॉलाजी  पार्क  में  20,000  वर्गफिट  में  और इसका  विस्तार  किया  जा  सकता  है।  आप  चाहें  तो  बहुमंजिली  इमारत  बनाकर  एक  लाख  वर्गफीट तक  इसका  क्षमता  विस्तार  कर  सकते  हैं।  
उन्होंने  केन्द्रीय  मंत्री  से  अनुरोध  किया  कि  दरभंगा  और भागलपुर  के  लिए  भी  जल्द  से  जल्द  काम  पूरा  कराएं।  सितंबर  में  यहां  आईटी  एवं आईटीइएस  इन्वेस्टर  मीट  कराया  गया  था,  जिसमें  आपने  सेंटर  फॉर  डेवलेपमेंट  ऑफ  एडवांस कंप्यूटिंग  (सीडैक)  की  स्थापना  के  बारे  में  कहा  था,  इसपर  तेजी  से  काम  कराया  जाए,  इसके  लिए भी  भूमि  उपलब्ध  करा  दी  जाएगी।
 उन्होंने  कार्यक्रम  में  उपस्थित  जमीन  से  संबंधित  विवादों  को  राज्य  में  सबसे  बड़ी  समस्या बताते  हुए  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  पूरे  राज्य  के  अंचलों  में  हमलोगों  ने  पुराने  रिकार्ड  डिजिटल  किए  हैं और  इसपर  काम  भी  चल  रहा  है।  नया  सर्वे  भी  चल  रहा  है  ताकि  जमीन  के  साथ  इसको  मिलाकर अंतिम  रूप  से  सूची  उपलब्ध  करायी  जाए,  जिससे  किसी  भी  तरह  के  विवाद  की  गुंजाइश  ना  हो।
पंचायतों  के  पंचायत  सरकार  भवन  में  इस  तरह  के  प्रशिक्षित  युवाओं  की  जरूरत  है।  न्याय  के  क्षेत्र  में भी  आई0टी0  प्रोफेशनल्स  युवाओं  की  जरूरत  है।  जितने  केंद्र  खुलेंगे,  उतना  ही  युवाओं  को  प्रशिक्षित किया  जा  सकेगा  और  उनको  रोजगार  के  अवसर  उपलब्ध  होंगे।  मुख्यमंत्री  ने  केंद्रीय  मंत्री  से  कहा कि  बिहार  के  लिए आपने  बहुत  कुछ  किया  है और  आगे  आपसे  और  अपेक्षाएं हैं।  
  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  आई0टी0  के  क्षेत्र  में  केंद्र  सरकार  प्राथमिकता  से  काम  कर  रही  है। आई0टी0  के  विकास  से  काम  में  पारदर्शिता  आ  रही  है  और  इससे  सहुलियत हो  रही  हैं। 


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