शराबबंदी पर सीएम नीतीश की दो टूक, गड़बड़ करने वाले व्यक्ति किसी भी हाल में नहीं बचेंगे
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मद्य निषेध की समीक्षा की। कहा- नीचे से ऊपर तक के सरकारी तंत्र में गड़बड़ करने वाले व्यक्ति पर निगाह रखें। तभी सार्थक परिणाम आएंगे।
पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि माफिया व असल धंधेबाज पकड़े जाएं, तभी बिहार में शराब का धंधा बंद होगा। चालक और खलासी को पकडऩे से काम नहीं चलेगा। बड़े कारोबारियों व सप्लायरों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करें। वे मद्य निषेध की समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस मौके पर शराबबंदी से जुड़ी उपलब्धियों पर प्रेजेंटेशन भी दिया गया।
प्रेजेंटेशन में यह जानकारी दी गई कि सीसीटीवी कैमरे व श्वान दस्ते की मदद से शराब के कारोबारियों पर निगरानी रखी जा रही है। समेकित अभियोजन प्रणाली के बारे में भी बताया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गड़बड़ मानसिकता के चंद लोग हैैं, जो अब भी शराब के धंधे में लगे हैैं। सर्वोच्च न्यायालय ने तो यह स्पष्ट कहा है कि शराब का कारोबार करना मौलिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि शराब से जुड़े कारोबारी व उसका उपयोग करने वाले की सूचना मिलने पर निर्धारित समय के अंदर कार्रवाई की जानी है। प्रशासनिक तंत्र का रिस्पांस बेहतर होगा तो प्रशासनिक तंत्र के प्रति लोगों की आस्था बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीचे से ऊपर तक के सरकारी तंत्र में गड़बड़ करने वाले व्यक्ति पर भी निगाह रखें। पूरी प्रतिबद्धता से काम करेंगे तो शराबबंदी के बेहतर परिणाम से समाज भी बदल जाएगा। इसे स्थायी रूप से कारगर बनाने के लिए निरंतर अभियान चलाने की जरूरत है। सिर्फ रूटीन काम से कामयाबी नहीं मिलेगी। प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे का समय निकालकर इसकी मॉनीटरिंग करनी होगी। उन्होंने कहा कि अवैध कारोबार रोकने के लिए शपथ पत्र लिया गया है। इसका अनुपालन हो रहा है या नहीं इसे देखना होगा। वास्तविक कारोबारी को पकडऩे के लिए सीमावर्ती राज्यों के पदाधिकारियों का भी सहयोग लें। दो जिलों में कार्यशाला आयोजित कर पंचायती राज जन प्रतिनिधियों को मद्य निषेध नीति के सफल कार्यान्वयन की जानकारी दी गई है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्पेशल ब्रांच के एडीजी जेएस गंगवार, एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, अनुपम कुमार, आइजी प्रोहिबिशन रत्न संजय, मद्य निषेध एवं निबंधन आयुक्त, बी कार्तिकेय धनजी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।