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नीतीश केंद्रित चुनावी अभियान को ही बिहार में एनडीए अपनी ताकत बना रहा

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच से नीतीश कुमार के काम की कर चुके हैं तारीफ।

By Edited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 06:48 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 06:50 PM (IST)
नीतीश केंद्रित चुनावी अभियान को ही बिहार में एनडीए अपनी ताकत बना रहा
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। अदम गोंडवी की एक कविता की आखिर दो लाइन कुछ इस तरह से है-गर्म रोटी की महक पागल बना देती मुझे, पारलौकिक प्यार का मधुमास लेकर क्या करें। इस बार के आम चुनाव में एनडीए ने अब तक बिहार में प्यार के मधुमास केंद्रित नारे से परहेज किया हुआ है। गर्म रोटी की महक पर ही विशेष कवायद चल रही। इस आम चुनाव के आरंभिक होर्डिग्स शहर में दिखने लगे हैं।

होर्डिग्स में यह साफ दिख रहा कि एनडीए इस दफे बिहार में नीतीश केंद्रित चुनावी अभियान को खास नीति के तहत तवज्जो दे रहा। दिखने लगे हैं बड़े-बड़े होर्डिग्स बेली रोड जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब भी मौका मिला जवाहर लाल नेहरू पथ कहते हैं, में जब आप सगुना मोड़ की तरफ से आ रहे होते हैं तो बड़े वाले फ्लाईओवर के दाएं एक बड़ा सा होर्डिग्स लगाया गया है। सभा को संबोधन वाले स्टाइल में नीतीश कुमार की बड़ी तस्वीर है और स्लोगन यह लिखा है-सच्चा है, अच्छा है, चलो नीतीश के साथ चलें।

बड़े प्वाइंट साइज में लिखे इस नारे के नीचे अपेक्षाकृत कम प्वाइंट साइज में यह लिखा है- संकल्प हमारा, एनडीए दोबारा। इसके अतिरिक्त एनडीए के किसी भी नेता की तस्वीर उक्त होर्डिग में नहीं है। वैसे इस नारे को जदयू ने गढ़ा है। एक होर्डिग का नारा यह भी है-काम किया-सम्मान दिया। काम करने वाले इमेज और परिश्रम की बातें कही जाएंगी एनडीए के चुनावी अभियान में नीतीश कुमार के काम करने वाले इमेज और उनके परिश्रम की बातें कही जानी शुरू हो गई हैं।

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही इसका आरंभ किया। गांधी मैदान में तीन मार्च को हुई एनडीए की रैली में प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार को कठिन परिश्रम करने वाले मुख्यमंत्री के संबोधन से नवाजा। बिहार को सुशासन की राह पर आगे लिए जाने वाला कहा। एनडीए के अन्य घटक के नेता भी अपने संबोधन में नीतीश कुमार के इमेज की चर्चा अनिवार्य रूप से कर रहे।

महिलाओं के लिए किए गए काम और सामाजिक अभियान की चर्चा होती है। राजनीतिक मसले पर भी नीतीश के मन की बात को ही प्राथमिकता विकास से जुड़े मसलों पर एनडीए में नीतीश कुमार के कार्यो को आगे तो रखा ही जा रहा वहीं बिहार से जुड़े राजनीतिक मसले पर नीतीश कुमार के मन की बात को प्राथमिकता दी जा रही है।

एक समय केंद्रीय मंत्री के रूप में जब उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार की लगातार आलोचना कर रहे थे तब एनडीए में नीतीश कुमार का ख्याल रख श्री कुशवाहा से संबंध खत्म करने से भी परहेज नहीं किया गया। सीट शेय¨रग के मामले में जदयू को बराबर की सीटें मिलीं। जदयू को वैसे सीटें भी मिली जो लंबी अवधि से भाजपा के कब्जे में रही हैं।

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