जलवायु परिवर्तन सूखे का अहम कारण
पटना । हाल के दिनों में तेजी से हुए जलवायु परिवर्तन के कारण सूबे में गंगा के मैदानी इलाकों
पटना । हाल के दिनों में तेजी से हुए जलवायु परिवर्तन के कारण सूबे में गंगा के मैदानी इलाकों में सूखे की स्थिति पैदा हुई है। यह निष्कर्ष है दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल साइंसेज (ईवीएस) में इस विषय पर चल रहे शोध का। ईवीएस के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रधान पार्थ सारथी की देखरेख में जलवायु परिवर्तन के विस्तृत आयामों पर चल रहे अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है। डॉ. सारथी ने कहा कि केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा अनुदानित परियोजना पर शोध से ये परिणाम प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि सूखे की स्थिति सामान्यत: असामान्य मानसून के कारण पैदा होती है। इसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। मानक के हिसाब से वे क्षेत्र सूखाग्रस्त होते हैं जहां सामान्य से आधी वर्षा होती है। शोध से यह पता चला है कि तेजी से होने वाले जलवायु परिवर्तन के कारण पैदा हो रहे असंतुलन से देश के विभिन्न भागों के साथ ही राज्य में गंगा के मैदानी इलाकों में सूखे की स्थिति पैदा होती है। उन्होंने कहा कि बिहार में सूखे का व्यापक प्रभाव आम जनजीवन की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। इससे अकाल जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है। डॉ. सारथी ने कहा कि देश में मानसून के महीनों- जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में वर्षा की मात्रा में काफी विविधता तथा अंतर है। शोध से मिले आकड़ों का अध्ययन करके वैज्ञानिक इन प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव से बचने के उचित उपाय बता सकते हैं। इस शोध के परिणामों और सुझाए गए उपायों के आधार पर सरकार सही समय पर योजनाएं बना सकती है। डॉ. सारथी ने कहा कि शोध से उत्साहवर्धक परिणाम हासिल हो रहे हैं। उम्मीद है कि ये आने वाले समय में उपयोगी साबित होंगे।