सिटी बस ने एम्स के पास मजदूर को कुचला, आक्रोशित लोगों ने काटा बवाल
छेदी टोला के नजदीक तेज रफ्तार से आ रही सिटी बस ने गुरुवार को पैदल जा रहे मजदूर को कुचल गंभीर रूप से घायल कर दिया।
पटना (फुलवारीशरीफ) : छेदी टोला के नजदीक तेज रफ्तार से आ रही सिटी बस ने गुरुवार को पैदल घर लौट रहे मजदूर को कुचल दिया। हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने जमकर बवाल किया। फुलवारीशरीफ- नौबतपुर सड़क को जाम कर हंगामा करने लगे। सूचना पाकर पहुंची पुलिस पर भी रोड़ेवाजी की। इसमें जानीपुर के सिपाही अभय कुमार व पुलिस लाइन से आए सिपाही प्रदीप कुमार समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को चोटें आई। चार घटे तक एनएच-98 रणक्षेत्र में तब्दील रहा। हादसे में घायल मजदूर जामुन माझी (30 साल) छेदी टोला का ही रहने वाला है।
हादसे के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की सिटी बस मजदूर को कुचलकर एम्स परिसर में दाखिल हो गई। कुछ ही देर में बस का पीछा करते हुए स्थानीय लोग भी एम्स परिसर में घुस आए। बस पर पथराव शुरू कर दिया। साथ ही छेदी टोला के नजदीक से गुजर रहीं दो और बसों के शीशे तोड़ डाले।
वहीं हादसे की सूचना पाकर सिटी एसपी अभिनव कुमार, डीएसपी संजय कुमार पाडेय, अंचलाधिकारी कुमार कुंदन लाल, जानीपुर, बेउर व फुलवारीशरीफ के थानेदार मौके पर पहुंचे। लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन स्थानीय लोग समझाने आए पुलिसकर्मी और अधिकारी पर ही पत्थर बरसाने लगे। इसमें आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को चोटें आई। पत्थरबाजी के बाद कई पुलिसकर्मी व अधिकारी घटनास्थल से भाग खड़े हुए। बाद में वज्रवाहन के साथ भारी संख्या में पुलिस बल बुलाया गया। लाठीचार्ज कर सड़क जाम कर रहे लोगों को खदेड़ दिया गया।
प्रभारी थानेदार नदीम अख्तर ने बताया कि सड़क जाम व उपद्रव मामले में 16 नामजद व 50 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं घायल पुलिसकर्मियों का प्राथमिक उपचार कराया गया। सिटी एसपी अभिनव कुमार ने बताया कि कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएसपी संजय पांडे भी जख्मी हो गए। पुलिस ने देरशाम दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
सड़क जाम कर रहे लोगों के अनुसार हादसा एनएच-98 पर जलजमाव के कारण हुआ है। 24 करोड़ से फुलवारीशरीफ से एम्स पटना तक बनाई गई सड़क पूरी तरह झील में तब्दील हो गई है। जल निकासी के लिए बनाए गए नाले से पानी निकलने की बजाय नाले में ही जमा बारिश का पानी ही सड़क पर बह रहा है। वहीं रात होते ही एम्स में मोटर लगाकर गंदा पानी बीच सड़क पर बहा दिया जा रहा है। शिकायत के बावजूद किसी अधिकारी के कान पर जूं तक नहीं रेंगती।