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बच्चों को पैसे नहीं, अच्छे संस्कार की जरूरत : ठाकुर

गर्दनीबाग में इन दिनों भागवत कथा से माहौल पूरी तरह भक्तिमय और आध्यात्मिक बना हुआ है

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 11:52 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 11:52 PM (IST)
बच्चों को पैसे नहीं, अच्छे संस्कार की जरूरत : ठाकुर

पटना। गर्दनीबाग में इन दिनों भागवत कथा से माहौल पूरी तरह भक्तिमय और आध्यात्मिक बना हुआ है। गर्दनीबाग स्थित संजय गांधी स्टेडियम परिसर में बना पूजा पंडाल श्रीकृष्ण की लीला स्थली बन गया है। यहां प्रख्यात कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर भागवत कथा सुना रहे हैं। कथा के दौरान चौथे दिन शनिवार को उन्होंने बच्चों को संस्कारों से जोड़ने की सलाह श्रद्धालुओं को दी।

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श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा वाचक पंडित देवकीनंदन ठाकुर ने श्रद्धालुओं को भगवान के वामन अवतार का वृतांत पूरे विस्तार से बताया। कथा के दौरान महाराज ने कहा कि आज का समाज प्रदूषित हो गया है। विचारों और अच्छे संस्कारों की कमी हो गई है, जिसका प्रभाव हमारे बच्चों पर पड़ रहा है। आज माता-पिता के पास अपने बच्चों के लिए समय नहीं है। वे उन्हें खुश करने के लिए अनेक प्रकार के सुख-साधन के साथ उनपर पैसे खर्च कर रहे हैं। ऐसे में उनमें अच्छे संस्कारों की कमी हो गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों को पैसे की जरूरत नहीं, बल्कि अच्छे संस्कारों की जरूरत है। अच्छे संस्कार मिलने के बाद वो ही बच्चा अपने माता-पिता की सेवा करने के साथ समाज और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका अदा करेगा। कथा के दौरान महाराज ने भगवान के वामन अवतार पर कहा कि प्रभु अपने भक्तों की रक्षा करने भी जानते हैं और दुष्टों का संहार करना भी। वे ही पालनकर्ता भी हैं और संहारकर्ता भी।

सही राह दिखाता है भागवत -

भागवत की महिमा पर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि भगवान की भागवत कथा लोगों को सही रास्ता दिखाने के साथ सन्मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है। भागवत में कहा गया है कि सत्य ही है जिसका ध्यान करना चाहिए। क्योंकि भगवान ही सत्य स्वरूप है। जो जीव सत्य का अनुसरण करता है सत्य पर चलता है, उस पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है। उन्होंने कहा कि जीव जगत में दुख इसलिए पाता है कि वो कहता कुछ और है करता कुछ और है। लोग भगवान के नाम पर भी झूठ बोलने में संकोच नहीं करते। वे अपने अपराध से बचने के लिए नाना प्रकार के झूठ बोलते हैं।

धनवानों की है जगत में पूछ -

कथा के दौरान देवकीनंदन ने कहा कि आज का युग धन का युग हो गया है। जिसके पास धन है उसकी पूजा सभी करते हैं। धन से सारे दोष भी मिट जाता है। समाज में उसकी एक अलग पहचान बन जाती है। आप जब तक गरीब रहते हैं आपको कोई देखता नहीं है लेकिन वही पैसे आने पर उनका मान-सम्मान और बढ़ जाता है। पैसे के आने के बाद लोगों में संस्कार की भी कमी हो जाती है। लोग पैसे से सभी खुशियां पा लेना चाहते हैं। जबकि ऐसा नहीं है पैसों से हम अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। कथा के दौरान ठाकुर ने कहा कि जिसने भागवत कथा का एक बार रस चख लिया उसके लिए पैसे तुच्छ लगते हैं। भगवान के नाम और उनके चरित्र का गुणगान करने वाला सच्चा योगी कभी भी भौतिक वस्तुओं के प्रति आसक्त नहीं होता। जगत में कई ऐसे उदाहरण भरे पड़े हैं जो इन चीजों से दूर होकर परमपद की प्राप्ति की है। कथा के दौरान ठाकुर ने कहा कि भगवान धन-दौलत से प्रसन्न नहीं होते बल्कि वे सच्ची भक्ति से प्रसन्न होते हैं। सच्ची भक्ति करने वाले भक्तों को किसी प्रकार का कोई दिखावा करने की जरूरत नहीं होती। सच्चा भक्त हर स्थिति परिस्थिति में प्रसन्न रहता है।

भक्ति गीतों से सराबोर हो रहे श्रद्धालु

गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो.. प्रेम से बोलो राधे-राधे और जोर से बोलो राधे-राधे.. ऐसे ही भजन और सुभाषितों से स्टेडियम परिसर आजकल गूंज रहा है। भक्ति के रंग में रंगे हजारों श्रद्धालु श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करने जुट रहे हैं। विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विश्व शांति सेवा समिति, पटना के तत्वावधान में आयोजित माथे पर तिलक और हाथ में तुलसी की माला लिए महिलाएं भगवत भजन में लगी दिख रही हैं।

कथा में आज -

भगवान कृष्ण की बाललीला, गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग का वृतांत।


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