मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की 'मन की बात', बोले, लॉकडाउन में हमनें किसी को नहीं छोड़ा उपेक्षित
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आडियो संदेश जारी कर राज्य में कोरोनावायरस और सरकार के कार्यों की स्थिति पर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि रोज1.25 लाख से अधिक जांच की जा रही है। मरीजों की संख्या में प्रतिदिन कमी आ रही है।
पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने मंगलवार को आडियो संदेश (Audio Message) जारी कर बिहार में कोरोना से जुड़े विभिन्न पहलुओं और सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच (Corona Testing) को और बढ़ाते हुए अब हर रोज 1.25 लाख से अधिक जांच की जा रही है। अब कोरोना मरीजों की संख्या में प्रतिदिन कमी भी आ रही है।
लॉकडाउन लागू होने के बाद से सभी का रख रहे ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि जबसे लाकडाउन लागू किया गया है, हम लोग सभी का ध्यान रख रहे हैं। किसी की उपेक्षा नहीं की गई है। पूरी कोशिश है कि हर जरूरतमंद तक सहायता पहुंचे। इसके लिए कार्यरत टीम पूरी लगन एवं परिश्रम के साथ लगी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 मई को 22 जिलों के सामुदायिक रसोईघर (Community Kitchen) का वर्चुअल टूर कर वहां चलाई जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। जिलों के कई लाभार्थियों ने कहा कि सामुदायिक रसोईघर के माध्यम से अच्छा खाना मिल रहा है। लाभार्थियों ने सरकार के कदम को सराहनीय बताया है।
राज्यभर में चलाए जा रहे हैं 432 सामुदायिक रसोईघर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे के सभी 38 जिलों में 432 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने इसे विस्तारित करते हुए हर प्रखंड में सामुदायिक रसोईघर खोलने का निर्देश दिया है, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद इसका लाभ उठा सकें। सरकार की मंशा है कि लाकडाउन में मजदूर, निर्धन, निराश्रित, दिव्यांग एवं जरूरतमंद लोगों को दोनों वक्त शुद्ध भोजन मिले। कोई भूखा नहीं रहे। सभी सरकारी अस्पतालों में रोगियों के स्वजनों के लिए भी सामुदायिक रसोईघर के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। होम आइसोलेशन में रहने वाले कोविड मरीजों एवं उनके स्वजनों के लिए भोजन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। सामुदायिक रसोईघर में आने वाले बच्चे-बच्चियों के लिए दूध की भी व्यवस्था कराने का निर्देश दिया गया है।
स्वास्थ्यकर्मी ले रहे होम आइसोलेट संक्रमितों का जाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के वैसे रोगी जो होम आइसोलेशन (Home Isolation) में रहकर इलाज करा रहे, उनके शरीर का तापमान एवं आक्सीजन स्तर नियमित तौर पर लिए जाने की शुरुआत की गई है। इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दी गई है। जिनका आक्सीजन स्तर कम होगा, उनका इलाज चिकित्सकों की निगरानी में कराया जाएगा।