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बिहार के जीडीपी के लिए सोने का अंडा साबित हो रही मुर्गियां

बिहार के लोग इन दिनों अंडों से सेहत सुधार रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 01:36 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 01:36 AM (IST)
बिहार के जीडीपी के लिए सोने का अंडा साबित हो रही मुर्गियां
बिहार के जीडीपी के लिए सोने का अंडा साबित हो रही मुर्गियां

पटना। बिहार के लोग इन दिनों अंडों से सेहत सुधार रहे हैं, तो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिए ये अंडे 'सोना' साबित हो रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में अंडों का जीडीपी में योगदान 1200 करोड़ से ज्यादा का होने वाला है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में ही अंडों का उत्पादन लगभग डेढ़ गुना हो गया है। बिहार में मुर्गियां औसतन हर दिन 73 लाख अंडे दे रही हैं।

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2018-19 के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 176 करोड़ 33 लाख 62 हजार सात सौ अंडों का उत्पादन हुआ था। चालू वर्ष में 265 करोड़ अंडा उत्पादन का अनुमान है। जीडीपी में योगदान पिछले वर्ष 881.681 करोड़ रुपये था। सरकार के साथ नाबार्ड और जीविका के प्रयास से संभव हो सकी उपलब्धि: अंडों की ये छलांग सरकारी प्रयास के साथ ही जीविका और नाबार्ड द्वारा मुर्गी पालन व अंडा उत्पादन के क्षेत्र में दिए जा रहे प्रोत्साहन की वजह से हो सका है। नाबार्ड के स्टेट फोकस पेपर 2020 के अनुसार आठ जिलों में विशेष रूप से प्रोग्राम चलाए गए। 1600 यूनिट बैठाकर प्रारंभिक तौर पर सबमें पांच हजार लेयर बर्ड पाले गए। इसी तरह जीविका ने भी गांव-गांव में जाकर 116 करोड़ रुपये की मुर्गियां बांटी है। इन प्रयासों का परिणाम यह हुआ है कि अंडा उत्पादन में बिहार का वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से चार गुना अधिक हो गया है। सरकार भी इससे उत्साहित है। अगर इसी तरह अंडों के उत्पादन में वृद्धि होती रही तो आने वाले दिनों में कीमतों में भी कमी आएगी। लोगों को सस्ते दाम पर बाजार में अंडे मिल सकेंगे।


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