1500 में मोटरसाइकिल और 25 हजार में कार खरीदनी है, तो आइए बिहार; डेढ़ लाख में मिलेगी स्कार्पियो
Second Hand Car and Bike Market अगर आपको सेकेंड हैंड सस्ती बाइक या कार की तलाश है तो यह तलाश बिहार में पूरी हो सकती है। वह भी ऐसी कीमत पर जितनी आप सपने में भी नहीं सोच सकते।
पटना, आनलाइन डेस्क। Cheapest Bike and Car Sale: अगर आपको बेहद सस्ती कीमत पर सेकेंड हैंड बाइक या कार खरीदनी है, तो आप बिहार का रुख कर सकते हैं। यहां 10 हजार रुपए से भी कम कीमत में बाइक तो एक लाख रुपए से भी कम कीमत में स्कार्पियो जैसी गाड़ी खरीद सकते हैं। खास बात यह है कि इसमें किसी प्रकार के फर्जीवाड़े की गुंजाइश भी नहीं है, क्योंकि गाड़ी कोई और नहीं खुद सरकार ही बेच रही है।
केवल 25 हजार रुपए में घर ले जा सकते हैं कार
बीते दिनों बिहार के गोपालगंज जिले में ऐसे वाहनों की बिक्री के लिए सूचना प्रकाशित की गई थी। इसमें स्कार्पियो गाड़ी के लिए 85 हजार, सवा लाख, बोलेरो गाड़ी के लिए 75 और 85 हजार, पिकअप गाड़ी के लिए 95 हजार, स्विफ्ट डिजायर के लिए पौने दो लाख, होंडा की कार साढ़े छह लाख, हुंडई की कार केवल 25 हजार रुपए, टाटा सफारी केवल 55 हजार रुपए में बिक रही थी।
एक हजार रुपए में बेची जा रही मोटरसाइकिल
एक बाइक के लिए तो न्यूनतम कीमत केवल 1000 रुपए निर्धारित की गई थी। कई मोटरसाइकिलों के लिए प्रशासन ने 1500, 2000, 3500 और पांच हजार रुपए की कीमत निर्धारित की थी। 17 हजार और 20 हजार रुपए के न्यूनतम मूल्य वाली बाइक भी नीलामी में उपलब्ध थी।
साइकिल और बैलगाड़ी की भी लगी सेल
यहां केवल 50 रुपए में साइकिल तो 60 हजार रुपए में दो बैलों के साथ बैलगाड़ी भी बेची जा रही है। कम से कम पांच-सात साइकिलों के लिए यही कीमत निर्धारित थी। एक नाव और एक बस भी बेची जानी थी। नाव और बस को छोड़कर लगभग सारे वाहन बिक गए। कई वाहन निर्धारित न्यूनतम कीमत पर ही बिक गए, तो कुछ कीमत नीलामी में दोगुनी भी हो गई।
22 हजार की बाइक की 48 हजार में नीलामी
जब इन वाहनों की नीलामी हुई तो 22 हजार निर्धारित कीमत की बाइक 48 हजार में बिक गई। हालांकि लेने वाले का कहना था कि इस कीमत पर उसे बाइक सस्ती ही पड़ी। एक साइकिल जिसकी कीमत 50 रुपये निर्धारित थी, उसकी बिक्री 150 रुपये में की गई। केवल 150 रुपए में साइकिल आप दूसरी किसी जगह नहीं खरीद सकते हैं। इसी तरह एक और दो हजार में बाइक तो चोर भी नहीं देते।
बिहार के सभी जिलों में होती है ऐसी प्रक्रिया
दरअसल, बिहार में हर महीने शराब तस्करी के मामले में ऐसे ढेरों वाहन जब्त किए जाते हैं। बिहार में शराब का सेवन और व्यापार पूर्णत: प्रतिबंधित है। इसलिए थानों में शराब तस्करी में जब्त वाहनों की भरमार रहती है। सरकार नियमित अंतराल पर इन वाहनों को नीलामी प्रक्रिया के जरिए हटाती रहती है।
कीमत भी कम और फर्जीवाड़े का खतरा भी नहीं
सरकार की ओर से नीलामी में ये वाहन बाजार दर से काफी कम कीमत पर मिल जाते हैं। इनके लिए कागजात बनवाने में किसी तरह की समस्या नहीं आती, क्योंकि विक्रेता भी सरकारी विभाग ही रहता है। अगर आप बाजार से ऐसे ही वाहन खरीदते हैं, तो उनमें फर्जीवाड़ा होने की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।
थानों से मिल सकती है नीलामी की जानकारी
नीलामी की प्रक्रिया जिला प्रशासन और उत्पाद विभाग के जरिए की जाती है। इस प्रक्रिया के शुरू होते ही पुलिस को भी सूचना हो जाती है। इसलिए नीलामी प्रक्रिया की जानकारी आप बिहार के संबंधित जिले में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अलावा थानों से भी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा बिहार सरकार की वेबसाइट (https://eproc2.bihar.gov.in/EPSV2Web/openarea/tenderListingPage.action) पर भी आपको ऐसे टेंडर की जानकारी मिल सकती है। इन सूचनाओं का प्रकाशन अनिवार्य रूप से स्थानीय अखबारों में भी होता है।
इस तरह खरीद सकते हैं सस्ता वाहन
ऐसे वाहनों की नीलामी होती है। इसमें शामिल होने के लिए आपको आम तौर पर वाहन के न्यूनतम सुरक्षित मूल्य की 20 प्रतिशत राशि का बैंक ड्राफ्ट जमा करना होता है। यह राशि बदल भी सकती है। नीलामी में न्यूनतम मूल्य से शुरू होकर आगे के लिए बोली लगती है। कई वाहनों के लिए एक तो किसी वाहन के लिए कोई खरीदार नहीं पहुंच पाता है। अगर आप नीलामी में सफल होते हैं, तो पहले से जमा राशि के अलावा कीमत का शेष हिस्सा देकर वाहन घर ले जा सकते हैं। अगर आप नीलामी में सफल नहीं हुए, तो आपकी जमा राशि लौटा दी जाएगी।