पाटलिपुत्र व मगध विवि के लिए सत्यपाल मलिक ही हैं चांसलर
सत्यपाल मलिक को जम्मू एवं कश्मीर का राज्यपाल बने एक पखवारा से अधिक हो गया है।
पटना । सत्यपाल मलिक को जम्मू एवं कश्मीर का राज्यपाल बने एक पखवारा से अधिक हो गया है। लेकिन, पाटलिपुत्र और मगध विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर वे आज भी चांसलर के रूप में मौजूद हैं। पिछले साल डिजिटल शैक्षणिक संस्थान के लिए मगध विश्वविद्यालय में लाखों रुपये खर्च किए गए थे। सत्यपाल मलिक के स्थानांतरण के बाद भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट अपडेट की गई है। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की वेबसाइट सोमवार को भी अपडेट की गई है। लेकिन, चांसलर के रूप में राज्यपाल लालजी टंडन का नाम शामिल नहीं किया गया। वहीं, नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पटना, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर की वेबसाइट पर चांसलर की जानकारी अपडेट कर दी गई है। विभिन्न विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि वेबसाइट आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से अपडेट की जाती है। इस कारण हर दिन अपडेट नहीं होती है। परीक्षा, रिजल्ट जैसी सूचना अपडेट करने तक ही एजेंसी रुचि लेती है, जबकि मुख्यमंत्री के सात निश्चय में कैंपस में निश्शुल्क वाईफाई सेवा भी शामिल है।
पीयू में पूर्व राज्यपाल ही हैं सीनेट सदस्य
पटना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर चांसलर लालजी टंडन का नाम हैं। लेकिन, सीनेट सदस्य के रूप में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का नाम ही अंकित हैं। डीएसडब्ल्यू प्रो. एन के झा ने बताया कि इसमें सुधार कर लिया जाएगा। वेबसाइट पर पिछले साल के सीनेट सदस्यों का नाम पीडीएफ में अपलोड है। पीडीएफ फॉर्मेट होने के कारण त्रुटि रह गई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर चांसलर का प्रोफाइल भी अपडेट है।
वेबसाइट पर चांसलर की जानकारी नहीं
सूबे के आधा दर्जन विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर कुलाधिपति की जानकारी उपलब्ध नहीं है। शिक्षा विभाग के अनुसार विश्वविद्यालय के प्रमुख चांसलर ही होते हैं। उनकी जानकारी वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, मौलाना मजहरूल हक अरबी व फारसी विश्वविद्यालय, पटना आदि की वेबसाइट पर चांसलर की जानकारी ही नहीं दी गई है।