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Bihar Assembly Elections 2020: केंद्र की निगाहें बिहार पर, थोक में मंजूर हो रहीं अटकी परियोजनाएं

बिहार में आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में केंद्र की ओर से जिन अटकी हुई परियोजनाओं पर चर्चा भी बंद हो चुकी थीं उन्हें भी हाल के दिनों में मंजूरी मिल गई है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 07:44 PM (IST)
Bihar Assembly Elections 2020: केंद्र की निगाहें बिहार पर, थोक में मंजूर हो रहीं अटकी परियोजनाएं
Bihar Assembly Elections 2020: केंद्र की निगाहें बिहार पर, थोक में मंजूर हो रहीं अटकी परियोजनाएं

पटना, जेएनएन। इन दिनों निगाहें बिहार पर हैं। अभी कोरोना है और आने वाले दिनों में विधानसभा का चुनाव भी। ऐसे में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में बिहार के लिए थोक में परियोजनाएं मंजूर हो रहीं। जिन अटकी हुई परियोजनाओं पर चर्चा भी बंद हो चुकी थीं, उन्हें भी हाल के दिनों में मंजूरी मिल गई है। बहुत सारी परियोजनाएं, मेगा प्रोजेक्ट की श्रेणी में हैैं और उन पर मोटी राशि का निवेश होना है। जुलाई में अब तक 10,657.07 करोड़ की योजनाओं को स्वीकृति मिल चुकी है। सड़क और पुल के निर्माण से जुड़ी उन परियोजनाओं में से कई के लिए निविदा भी हो गई है।

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नवंबर में पूरा हो रहा विधानसभा का कार्यकाल

गौरतलब यह कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में पूरा हो रहा। चुनाव को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं, फिर भी राजनीतिक दल वोटों को सहेजने की जुगत में हैं। इस मद्देनजर केंद्र सरकार की मेहरबानी भी नोटिस लेने वाली है। सालों से लंबित सड़क और पुल की कई परियोजनाओं के लिए ताबड़तोड़ अनुमति मिल रही। उसमें गंगा पर प्रस्तावित दो नए पुल भी शामिल हैं। कई राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी में श्रद्धांजलि देते हुए शहीद बिहारी सपूतों की वीरता का जिस कदर बखान किया, वह बिहारी जनमानस का दिल जीतने का उपक्रम भी है। गौरतलब यह कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री हर खास मौकों पर बिहार और बिहारियों की तारीफ कर जाते हैं। फिलहाल चुनावी साल में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में सौगात का दौर है। 

मोटी राशि का निवेश रोड सेक्टर पर

जुलाई के पहले हफ्ते में केंद्र सरकार ने चार सड़कों को फोर लेन में तब्दील किए जाने की योजना को ले निविदा कर दी। लंबी अवधि से उन सड़कों का मामला अटका हुआ था। उन चार योजनाओं में आरा-मोहनिया, रजौली-बख्तियारपुर, पटना-गया-डोभी और नारायणपुर-पूर्णिया सड़क की फोरलेनिंग शामिल है। उन पर 7,640.35 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 392.57 किमी सड़क को फोरलेन में परिवर्तित किया जाएगा। आरा-मोहनिया सड़क पर 1,231.11 करोड़, रजौली-बख्तियारपुर पर 2,733.39 करोड़, नारायणपुर-पूर्णिया पर 1,324.6 करोड़ और पटना-गया-डोभी सड़क की फोरलेनिंग पर 1,751.22 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 

एनएच को बेहतर बनाने पर खूब होगा खर्च

दस जुलाई को पथ निर्माण विभाग के एनएच डिवीजन से संचालित होने वाली योजना के तहत छह जिलों में सात एनएच की स्थिति बेहतर किए जाने को ले 196.30 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई। उनमें लखीसराय, नालंदा, समस्तीपुर, दरभंगा और मुजफ्फरपुर की सड़कें शामिल हैं। इसके पूर्व छह जुलाई को जर्जर बख्तियारपुर-मोकामा सड़क (एनएच-31) के रखरखाव के लिए 31.5 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली थी। 

पुल सेक्टर में भी नजर-ए-इनायत

जुलाई में बिहार के पुल सेक्टर में भी दो बड़े निवेश को मंजूरी दी गई। 11 जुलाई को भागलपुर के विक्रमशिला सेतु के समानांतर नए फोरलेन पुल निर्माण के लिए 1,116.72 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हुई। इस पुल के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से 2018 में ही अनुरोध किया था। इसके अगले हफ्ते गंगा नदी पर कटिहार के मनिहारी से झारखंड के साहेबगंज के बीच 19 सौ करोड़ रुपये की लागत से फोर लेन पुल को मंजूरी दी गई।


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