Move to Jagran APP

बिहार में एक और बिजली उत्‍पादन परियोजना को केंद्र की मंजूरी, दूसरे राज्‍यों पर निर्भरता होगी कम

केंद्र ने बिहार की एक और बिजली परियोजना को मंजूरी दे दी है। इससे राज्‍य में बिजली पर होने वाला खर्च घटेगा। बहुउद्देशीय डागमारा पनबिजली परियोजना के पूरा हो जाने पर दूसरे राज्‍यों पर बिजली के लिए निर्भरता घटेगी।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 11:52 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 11:52 AM (IST)
बिहार में एक और बिजली उत्‍पादन परियोजना को केंद्र की मंजूरी, दूसरे राज्‍यों पर निर्भरता होगी कम
बिहार में बिजली उत्‍पादन बढ़ाने की दिशा में महत्‍वपूर्ण कदम। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार ने बिहार की बहुउद्देशीय डागमारा पनबिजली परियोजना को मंजूरी दे दी है। सुपौल जिले में स्थापित होने वाली इस परियोजना से 130 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिलने पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार जताया है। कोसी नदी के पानी का इस्तेमाल इस पनबिजली परियोजना के लिए किया जाएगा। बाढ़ प्रभावित सुपौल व उसके आसपास के जिलों को इस प्रोजेक्ट से कई तरह के फायदे होंगे। ऊर्जा मंत्री का कहना है कि डागमारा प्रोजेक्ट के अस्तित्व में आने के बाद बिहार में ऊर्जा के मद होने वाले संपूर्ण खर्च में कमी आएगी। इस प्रोजेक्ट की लागत 2400 करोड़ रुपये है।

loksabha election banner

2011 में ही सौंपा गया था डीपीआर

डागमारा पनबिजली परियोजना का डीपीआर दिसंबर 2011 में ही केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को सौंपा गया था। इस प्रोजेक्ट पर केंद्र के जल संसाधन मंत्रालय व केंद्रीय जल आयोग की सैद्धांतिक सहमति भी तब मिल चुकी थी। मामला इतना पुराना है कि 1971 में राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा गठित कमेटी ने जल विद्युत परियोजनाओं की संभावना को इसके बराज से जोड़ा। वर्ष 2007 में एशियन डेवलपमेंट बैंक ने इस प्रोजेक्ट में अपनी रूचि दिखायी थी। इसके बाद डीपीआर बनाए जाने का काम वैपकास को दिया गया, पर इस पर सहमति नहीं बनी। वहीं 25 अप्रैल, 2012 में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के स्तर पर परियोजना की तकनीकी स्वीकृति के लिए अंतर मंत्रालयी समिति में विस्तार से चर्चा हुई थी। तब यह सहमति बनी थी कि आगे के काम के लिए बढ़ा जाए।

130 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन, खर्च होंगे 2400 करोड़

प्रोजेक्ट को कोसी के बाएं तटबंध पर स्थित भपटियाही गांव में लगाया जाना है। भीमनगर बराज के डाउन स्ट्रीम से यह 31 किमी पर है। यह परियोजना 2006-07 से अलग-अलग स्तरों पर अटकी पड़ी थी। वर्ष 2006-07 में ही इसे प्रारंभिक अनुमति मिल गई थी पर नेपाल से अनुमति नहीं रहने की वजह से मामला अटक गया था। पिछले दिनों एनएचपीसी की टीम ने डागमारा पन बिजली परियोजना का स्थल निरीक्षण किया था। उसके बाद इस प्रोजेक्ट पर सहमति बनी थी। इसमें पनबिजली के साथ-साथ सौर ऊर्जा व मछली उत्पादन को भी शामिल किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.