केंद्र ने माना बाढ़ से हुई भारी तबाही, 7636 करोड़ की सहायता राशि मिलने की उम्मीद
केंद्र की सात सदस्यीय टीम ने बिहार में आये विनाशकारी बाढ़ का दो दिनों तक जायजा लिया और माना कि भारी तबाही हुई है। अब नजरें 7636 करोड़ की सहायता राशि पर टिकी हुई है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के 19 जिलों में विनाशकारी बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने के लिए आई केंद्रीय टीम ने माना कि प्राकृतिक आपदा से भारी तबाही हुई है। सात सदस्यीय टीम ने यह भी स्वीकार किया कि गंगा में सिल्टेशन के कारण भी बाढ़ की स्थिति विकराल हुई। टीम की सहमति के बाद अब बिहार को केंद्र से 7636 करोड़ रुपये की सहायता मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। सात सदस्यीय टीम शनिवार की देर शाम दिल्ली लौट गई।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि मौके पर जाकर आकलन करने के बाद केंद्र की टीम ने माना कि बाढ़ से 19 जिलों में भीषण क्षति हुई है। कृषि समेत कुछ अन्य विभागों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन के कुछ बिंदुओं पर केंद्रीय टीम को विशेष जानकारी चाहिए, जिसे सोमवार तक भेज दिया जाएगा।
जल संसाधन विभाग से गंगा में गाद की समस्या का ब्योरा भी मांगा गया है। उन्होंने कहा कि सहायता राशि देने पर अब केंद्र को फैसला लेना है। प्रधान सचिव ने नुकसान की राशि बढऩे से इनकार करते हुए कहा कि वास्तविक क्षति के आकलन के आधार पर ही केंद्र को ज्ञापन दिया गया था।
इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (विदेश) मुकेश मित्तल के नेतृत्व में आई सात सदस्यीय टीम ने तीन दलों में बंटकर मौके का अवलोकन किया। तबाही की तस्वीरें देखी और वीडियो के आधार पर नुकसान का आकलन किया। टीम के सदस्य दियारा समेत वैसे इलाकों में भी गए जहां अभी भी बाढ़ का पानी पूरी तरह निकल नहीं पाया है। ऐसे क्षेत्रों में खेती-बारी का ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
मौके पर टूटी हुई पुल-पुलिया, सड़कें, फसलों का हाल विनाशकारी बाढ़ की सचाई बयान कर रहे थे। टीम ने देखा कि कैसे नेपाल में हुई भारी बारिश से बिहार के 19 जिलों में व्यापक तबाही हुई। बेतिया और मोतिहारी गई टीम के साथ राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार भी थे।
बाढ़ का असर
मौत : 514
आबादी : 1.71 करोड़
प्रभावित जिले : 19
प्रखंड : 187
पंचायत : 2371