सीबीएसई स्कूलों में अब होगा बच्चों का फिटनेस टेस्ट
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) अब बच्चों का फिटनेस टेस्ट भी लेगा।
पटना। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) अब बच्चों का फिटनेस टेस्ट भी लेगा। इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सीबीएसई को निर्देश दिया है। इसको सीबीएसई के कोर्स में शामिल करने के लिए एनसीईआरटी को भी केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव संतोष कुमार यादव ने पत्र लिखकर सीबीएसई को कहा है कि सरकार की ओर से 5 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए तैयार किया गया फिटनेस का प्रोटोकॉल सभी स्कूलों में लागू किया जाए। इसका नाम (गोल्स फॉर एक्टिव लाइफ स्टाइल्स) गोल्स दिया गया है।
शिक्षक बच्चों को हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बच्चों को फिटनेस के गुर सीखा सकते हैं। इस संबंध में सीबीएसई ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि शिक्षक बच्चों को फिट रहने के लिए प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण दें। खासकर कोरोना काल में ताकि बच्चे घरों में बैठे-बैठे तनाव का शिकार न हों। सीबीएसई ने बच्चों के लिए तीन स्तर पर प्रोटोकॉल तैयार किया है। प्रथम स्तर पर कक्षा एक से तीन तक के बच्चों के लिए। इसमें 5 से 8 वर्ष के बच्चों को शामिल किया जाएगा। दूसरे स्तर पर कक्षा 4 से 12वीं तक के बच्चों को शामिल किया गया है। यानी इसमें 9 से 18 वर्ष तक के बच्चों को शामिल किया गया है। प्रोटोकॉल को फिजिकल स्कूल ऑफ एजुकेशन के तहत लागू किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस प्रोटोकॉल को स्कूलों में लागू करना अनिवार्य कर दिया है। इसको लागू करने में स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षक, छात्र एवं अभिभावक को सहभागी बनाया गया है।