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Shelter Home Case: CBI ने सुप्रीम कोर्ट से की कार्रवाई की अनुशंसा, बिहार में सियासत तेज

बिहार में शेल्टर होम्स में बच्चों से यौनशोषण औऱ उत्पीड़न मामले में सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कार्रवाई की अनुशंसा की है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 10:25 PM (IST)
Shelter Home Case: CBI ने सुप्रीम कोर्ट से की कार्रवाई की अनुशंसा, बिहार में सियासत तेज
Shelter Home Case: CBI ने सुप्रीम कोर्ट से की कार्रवाई की अनुशंसा, बिहार में सियासत तेज

पटना, जेएनएन। सीबीआइ (CBI)  ने बिहार के 17 शेल्टर होम्स (Shelter Homes) की जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। इस जांच रिपोर्ट में सीबीआई ने 25 डीएम और 71 अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की है।हालांकि अफसरों का नाम सामने नहीं आया है। इस मामले में 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है।

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सीबीआइ द्वारा दायर किए गए हलफनामे के मुताबिक बिहार के 17 शेल्टर होम में बच्चों से यौन शोषण और प्रताड़ना के मामले में राज्य के 25 जिलाधिकारी और 46 अन्य सरकारी अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। अब सीबीआइ की अनुशंसा पर उनपर जल्द ही गाज गिर सकती है।

शेल्टर होम मामले में कार्रवाई की अनुशंसा, गरमायी बिहार की राजनीति

बिहार के शेल्ट र होम मामले में सीबीआइ के सुप्रीम कोर्ट में जांच रिपोर्ट सौंंपे जाने और लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई के मामले पर बिहार में राजनीति गरमा गई है। राजद ने जहां सत्तापक्ष पर आरोप लगाते हुए पूरे सरकार पर कार्रवाई करने की मांग की तो वहीं जदयू ने सरकार का बचाव किया है। तो, कांग्रेस ने सीबीआइ को जांच का दायरा बढ़ा कार्रवाई करने की मांग की है।

राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि वर्तमान सरकार के संरक्षण में इतना बड़ा कांड हुआ है। इसीलिए पूरी सरकार पर ही कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में बिहार में रोज घोटाला हो रहा है।

वहीं, कांग्रेस नेता अवधेश सिंह ने सीबीआई को जांच का दायरा बढ़ाकर कार्रवाई करनी चाहिए। इस मामले में शामिल कोई भी हो, बचना नहीं चाहिए। हम लोगों ने तो विधानसभा में भी इस मामले को उठाया था।

इसका जवाब देते हुए जदयू नेता सह बिहार सरकार में मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि सीएम की पहल पर ही इस मामले की सीबीआई जांच की गई और अब मुख्य सचिव पूरे मामले को अपने स्तर से देखेंगे। विपक्षी दल बेवजह इस्तीफे की मांग कर रहा है।

बिहार के 52 NGO हो सकते हैं ब्लैकलिस्टेड 

सीबीआइ ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर  इन सभी सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसके साथ ही प्रदेश के 52 NGO को ब्लैकलिस्टेड करने और उनका रजिस्ट्रेशन रद करने की भी अनुशंसा की गई है।

सीबीआइ ने ये सारी जानकारियां सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए अपने हलफनामे में दी है, जिसमें कहा गया है कि जांच एजेंसी ने सभी 17 शेल्टर होम्स की जांच पूरी कर ली है, जिसमें अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई है। इससे संबंधित रिपोर्ट अदालतों में दायर की जा चुकी है। 

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआइ के एसपी देवेंद्र सिंह ने वकील के माध्यम से अपना हलफनामा दायर करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर 2018 को उन्हें मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के अतिरिक्त बिहार के अन्य 16 शेल्टर होम की जांच करने का आदेश दिया था और उन्होंने जांच की।

पटना के नारी गुंजन, कैमूर के ज्ञान भारती, गया के सेवा कुटीर और मधुबनी के एक शेल्टर होम की भी जांच की। यहां संचालकों के खिलाफ सबूत तो नहीं मिले, मगर अफसरों की लापरवाही सामने आई। इसलिए अफसरों पर कार्रवाई के लिए लिखा है। 

बिहार के इन शेल्टर होम्स पर हो सकती है कार्रवाई, नप सकते हैं ये अधिकारी

1. चिल्ड्रेन होम फॉर ब्वायज, गया- 2 डीएम, 1 सरकारी अधिकारी और 13 चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के सदस्य व प्राइवेट व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश

2. चिल्ड्रेन होम फॉर ब्वायज, भागलपुर- 2 डीएम, 3 सरकारी अधिकारी और 6 प्राइवेट व्यक्ति ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश

3. शॉर्ट स्टे होम, मुंगेर- यहां पर अधिकारियों को इंस्पेक्शन के संबंध में विशेष निर्देश दिए जाने की जरूरत है।

4. चिल्ड्रेन होम फॉर ब्वॉयज, मुंगेर- 1 डीएम और 2 प्राइवेट लोगों को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश।

5. शॉर्ट स्टे होम, पटना - 1 डीएम, 2 सरकारी अधिकारी और 3 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश।

6. कौशल कुटीर, पटना- एक सरकारी अधिकारी।

7. चिल्ड्रेन होम फॉर ब्वॉयज, मोतीहारी- 2 डीएम।

8. शॉर्ट स्टे होम, मोतीहारी- 5 डीएम, 5 सरकारी अधिकार और 1 एनजीओ सखी को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश।

9. शॉर्ट स्टे होम, कैमूर- 7 डीएम, 11 सरकारी अधिकारी और 1 ब्लैकलिस्ट की सिफारिश।

10. शॉर्ट स्टे होम, मधेपुरा- 1 डीएम और 5 सरकारी अधिकारी।

11. आब्जर्वेशन होम, अररिया- 1 डीएम और 5 सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश हुई है। 

इन चार के खिलाफ सबूत न मिलने पर केस दर्ज नहीं पर अफसरों की लापरवाही दिखी

1. स्पेशलाइज्ड अडॉप्शन एजेंसी, मधुबनी- 2 डीएम, 5 सरकारी अधिकारी पर कार्रवाई की सिफारिश।

2. स्पेशलाइज्ड अडॉप्शन एजेंसी, पटना- 1 डीएम, 5 अधिकारी पर कार्रवाई की अनुशंसा।

3. स्पेशलाइल्ड अडॉप्शन एजेंसी, कैमूर- 3 सरकारी अधिकारी और 13 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश।

4. सेवा कुटीर, गया- 4 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश।


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