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फर्जीवाड़ा कर बन गया IRS अॉफिसर, एक छोटी-सी चूक ने खोल दी पोल, जानिए

सीबीआइ ने फर्जी कागजात जमा कर यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले आइआरएस अधिकारी का पर्दाफाश किया है। अधिकारी का नाम नवनीत कुमार उर्फ राजेश शर्मा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 10:50 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 05:17 PM (IST)
फर्जीवाड़ा कर बन गया IRS अॉफिसर, एक छोटी-सी चूक ने खोल दी पोल, जानिए
फर्जीवाड़ा कर बन गया IRS अॉफिसर, एक छोटी-सी चूक ने खोल दी पोल, जानिए

पटना, जेएनएन। बिहार के रहने वाले एक आइआरएस अधिकारी (IRS officer) के खिलाफ केन्द्रीय जांच एजेंसी, सीबीआई (CBI) ने फर्जीवाड़े का एक मामला दर्ज किया है। इस अधिकारी का नाम नवनीत कुमार उर्फ राजेश कुमार शर्मा है, जो साल 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं। उनपर आरोप है कि उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे सरकारी नौकरी हासिल की है।

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सीबीआइ की पूरी तहकीकात में इस हकीकत का खुलासा हुआ, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है, जिसमें जालसाजी, फर्जीवाड़ा, आपराधिक संयंत्र समेत अन्य सभी आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस खुलासे के बाद पता चला है कि नवनीत कुमार उर्फ राजेश कुमार शर्मा दोनों एक ही शख्स के नाम हैं, लेकिन अलग-अलग नाम से परीक्षा देकर इस शख्स ने दो अलग-अलग प्रमाणपत्रों को हासिल किया था और नौकरी हासिल की थी। बता दें कि आरोपी अधिकारी नवनीत कुमार उर्फ राजेश कुमार शर्मा वर्तमान में कोलकाता में सीजीएसटी, CGST विभाग में कार्यरत हैं।

कैसे किया फर्जीवाड़ा

मूल रूप से बिहार के पश्चिम चंपारण के चनपटिया थाने के तूरहापट्टी पोस्ट के गरबूहा के रहने वाले हैं, राजेश कुमार शर्मा के पिता का नाम जय नारायण शर्मा है और उन्होंने बेतिया जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय से वर्ष 1991 में 10वीं की परीक्षा पास की और उसके बाद 1993 में 12वीं की परीक्षा CBSE बोर्ड से पास की।

इसके बाद वो यूपीएससी (UPSC) परीक्षा की तैयारी करने लगा, लेकिन काफी वक्त बीत जाने के बाद भी जब वह परीक्षा में सफल नहीं हो पाया और फिर परीक्षा देने की उम्र खत्म होने लगी तो उसने तरकीब निकाली और राजेश कुमार शर्मा से अपना नाम बदलकर नवनीत कुमार रख लिया और फिर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के माध्यम से फिर से बोर्ड परीक्षा दी।

राजेश कुमार शर्मा से नवनीत कुमार के नाम पर वह 1996 में 10वीं क्लास और साल 2003 में 12वीं क्लास की परीक्षा पास कर उसने बिहार बोर्ड का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। 2008 में मुजफ्फरपुर स्थित बीआरए बिहार विवि से ग्रेजुएशन की डिग्री ली और उन्होंने अपनी जन्मतिथि बदलकर 15 जून, 1980 कर ली। इसके बाद साल 2007 में उसने फिर से यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास की और साल 2008 में आइआरएस अधिकारी ( IRS Officer) बन गया।

एक चूक ने कर दिया पर्दाफाश  

फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले आरोपी अधिकारी ने अपने प्रमाणपत्रों में एक गलती कर दी जिसकी वजह से उसकी चोरी पकड़ी गई। दोनों नाम में आरोपी के नाम तो अलग-अलग है, लेकिन पिता और अन्य पता एक ही है। इस चूक ने उसकी पोल खोल दी, जिससे जांच अधिकारी को ये मामला समझने में दिक्कत नहीं हुई। इस बात की जानकारी सामने आने पर इसकी आतंरिक जांच करवाने के बाद सीबीआई को इस मामले की जानकारी दी गई, और अब मामला सबके सामने है।

सीबीआइ ने पूरी तफ्तीश के बाद मामला दर्ज किया

मामले का पता चलने के बाद सीबीआई की टीम आरोपी अधिकारी के पैतृक गांव और फिर बिहार बोर्ड परीक्षा समिति के दफ्तर भी गई थी। जांच एजेंसी ने गांव के मौजूदा मुखिया सहित कई लोगों से पूछताछ के बाद उनका बयान दर्ज कर कई महत्वपूर्ण सबूतों को इकट्ठा किया और फिर इसके आधार पर पटना जोन में मामला दर्ज कर अब आगे की तफ्तीश कर रही है। 


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