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    बीमा धोखाधड़ी मामले में सीबीआई कोर्ट ने सुनाई तीन वर्ष की कारावास, 67 हजार का जुर्माना भी लगाया

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 12:23 PM (IST)

    धोखाधड़ी के मामले में इंश्योरेंस कंपनी के सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी अशोक कुमार तत्कालीन सहायक अमरेंद्र कुमार मिश्रा और बीमा एजेंट समीर कांत झा को सीबीआई कोर्ट पटना ने तीन वर्ष की कठोर कारावास और 67 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। मामला ओरियंटल इश्योरेंस कंपनी लि. का है।

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    सीबीआई कोर्ट ने बीमा धोखाधड़ी मामले में तीन को तीन वर्ष की कठोर कारावास सुनाई। सांकेतिक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, पटना। सीबीआइ कोर्ट पटना ने ओरियंटल इश्योरेंस कंपनी लि. में हुए एक धोखाधड़ी के मामले में इंश्योरेंस कंपनी के सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी अशोक कुमार, तत्कालीन सहायक अमरेंद्र कुमार मिश्रा और बीमा एजेंट समीर कांत झा को तीन वर्ष की कठोर कारावास और 67 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

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    सीबीआइ ने करीब 25 वर्ष पूर्व तीन मार्च 2005 में पांच आरोपियों ओआइसीएल के सहरसा के ब्रांच मैनेजर अशोक कुमार, अन्य अधिकारी अमरेंद्र कुमार मिश्रा, मोहन मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ झूठे नाम पर जाली मवेशी नीतियों का उपयोग करके ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 50,000 रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में केस दर्ज किया था।

    सीबीआइ की जांच में यह बात सामने आई कि जाली दस्तावेजों का उपयोग करके सुपौल के पूर्व विधायक और एक दूसरे के झूठे नामों पर मवेशी पॉलिसी जारी की गई और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, सहरसा को 50,000/- रुपये का चूना लगाया गया।

    इस मामले में सीबीआइ ने 30 सितंबर 2005 में आरोपी शिव शंकर गुप्ता तत्कालीन शाखा प्रबंधक, ओआइसीएल, सहरसा, अशोक कुमार, तत्कालीन एएओ, ओआइसीएल, डीओ-2,, नरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन डीओ, ओआइसीएल, सहरसा, अमरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन सहायक के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। ट्रायल के दौरान मोहन मिश्रा (निजी व्यक्ति), समीर कांत झा, बीमा एजेंट व तीन आरोपी शिव शंकर गुप्ता तत्कालीन शाखा प्रबंधक, नरेंद्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन डीओ और मोहन मिश्रा (निजी व्यक्ति) की मृत्यु हो गई। ट्रायल के बाद, अदालत ने आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें सजा सुनाई।