जाति आधारित गणना: लालू प्रसाद यादव को श्रेय देकर बुरे फंसे तेजस्वी, ट्रोलर ने पूछा- भारत रत्न दें क्या?
Caste Census in Bihar जाति आधारित गणना का श्रेय लालू प्रसाद यादव को श्रेय देकर तेजस्वी यादव इंटरनेट मीडिया में ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए हैं। कोई भारत रत्न देने की बात कर रहा है तो कोई परिवारवाद का आरोप लगा रहा है।
पटना, आनलाइन डेस्क। Tejashwi Yadav Trolled: बिहार की नीतीश सरकार (Nitish Kumar Government) ने सभी राजनीतिक दलों की सर्वसम्मति से जाति आधारित गणना (Caste Based Census) कराने जा रही है। इसपर पांच सौ करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसे कैबिनेट (Bihar Cabinet) से भी स्वीकृति मिल गई है। अब राजनीतिक दलों में इसका श्रेय लेने की मची होड़ में ट्वीट कर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) बुरे फंसे हैं। अपने फेसबुक पोस्ट में तेजस्वी लिखते हैं- 'झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए।' उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का एक वीडियो ट्वीट भी शेयर किया है, जिसमें वे जाति आधारित गणना का श्रेय आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को दे रहे हैं। इसपर यूजर्स उन्हें ट्रोल (Tejashwi Yadav Trolled) कर दिया है। एक ने तंज किया है कि इसके लिए तो भारत रत्न (Bharat Ratna) मिलना चाहिए। हालांकि, उनके समर्थन में भी ट्वीट व फेसबुक पोस्ट की कमी नहीं है।
जातीय आधारित गणना बिहार के सभी लोगों की जीत है जिससे राज्य के आर्थिक और सामाजिक उत्थान को बल और सही नीति निर्धारण मिलेगा!@laluprasadrjd @yadavtejashwi @RJDforIndia @yuva_rajad pic.twitter.com/3ApF53FEFh
— RJD Munger (@Munger_Rjd1) June 2, 2022
इसके लिए लालू यादव को मिले भारत रत्न
कुमार पंकज तंज कसते हैं कि जाति की गणना के बाद तो बिहार में खुशहाली ही खुशहाली होगी। पुष्प राज शर्मा फेसबुक पर लिखते हैं कि असली मकसद जाति की गणना कराने का श्रेय लेना है। इसके लिए होड़ है। अभी से चालू हो गए हैं। पिता (लालू प्रसाद यादव) को ही पूरा श्रेय दे दिया है। अमन कुमार और रस्किन सिंह ने तंज कसा है तो भारत रत्न मिलना चाहिए।
बीपीएससी का पेपर लीक पर भी सोचिए
राकेश रंजन कहते हैं कि बीपीएससी का पेपर आउट हो रहा है, इस पर भी ध्यान देना जरूरी है। फेसबुक पर सुजय कुमार सिंह लिखते हैं कि जातिगत गणना से ज्यादा बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए। बिहार में शिक्षा व्यवस्था का सत्यानाश हो गया है। लेकिन माननीय लोग अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में मग्न हैं। जब आप लोग जातिगत गणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिल सकते हैं और सर्वदलीय बैठक कर सकते है तो बिहार की भलाई के लिए भी कुछ क्यों नहीं कर सकते?
एक ने पूछा: आप राघोपुर भूल गए क्या?
श्रवण कुमार सहनी पूछते हैं कि जाति की गणना से आम जनता को क्या फायदा होगा? राजनेता केवल परिवारवाद करते हैं। अगर जनता की इतनी ही फिक्र रहती तो जनता आपको सत्ता से बाहर नहीं करती। मनीष यादव पूछते हैं कि जातिगत गणना तो ठीक, लेकिन आप अपना राघोपुर भूल गए क्या? वहां के पीपा पुल की हालत भी मालूम कीजिए।
जाल में फंस जाती है बेबकूफ जनता
फेसबुक पर लाल बाबू सहनी लिखते हैं कि बीजेपी वाले पिछड़ा विरोधी हैं, लेकिन आप पिछड़ा हितैषी थे तो साल 2011 में आपके सहयोग से केंद्र में सरकार चलने के दौरान जाति आधारित गणना कराकर रिपोर्ट क्यों नही सार्वजनिक की? अरमान अमन परिवारवाद पर तंज करते हैं कि लालू अध्यक्ष रहेंगे, उनके बेटे व पत्नी को प्रतिपक्ष के नेता का पद मिलेगा तो बेटी राज्यसभा में रहेंगी। बाकी लोग दरी बिछाए। संजीव झा लिखते हैं कि जनता के साथ किए गए चुनावी वादे तो पूरा नही कर पाते हैं, जातीय उन्माद फैलाते हैं। वादा जनता से करते हैं और पेट अपना भरते हैं। जनता बेबकूफ है जो जाल में फंस जाती है।
तेजस्वी के समर्थन में भी पोस्ट की भरमार
जाति आधारित गणना को लेकर तेजस्वी के समर्थन में भी इंटरनेट मीडिया में पोस्ट की भरमार है। सुरेंद्र कुमार अपने फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं कि जातिगत गणना हमेशा से आरजेडी की मांग रही है। तेजस्वी यादव को इसके लिए हार्दिक बधाई। संजय कुमार लालू प्रसाद यादव को महान नेता बताते हुए लाखों युवाओं को उनसे प्रभावित बताते हैं। वे लालू को केवल नाम नहीं, विचार बताते हैं। रौशन कुमार यादव लिखते हैं- जय हो भैया, लव यू।