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बक्सर में उतराती लाशों के मामले में बोला प्रशासन- बिहार ही नहीं, उत्तर प्रदेश से बहकर आए शव

बक्सर जिले के चौसा में गंगा में दो दर्जन से अधिक शव के उतराने की सूचना से सोमवार को हड़कंप मच गया। मृतकों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है हालांकि जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा। इस मामले में प्रशासन ने भी जानकारी दी है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 06:56 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 06:56 PM (IST)
बक्सर में उतराती लाशों के मामले में बोला प्रशासन- बिहार ही नहीं, उत्तर प्रदेश से बहकर आए शव
बक्सर के चौसा महादेवा घाट पर रविवार को बड़ी संख्या में मिले थे शव। प्रतीकात्मक तस्वीर।

संवाद सहयोगी, चौसा (बक्सर) : बक्सर जिले के चौसा में गंगा में दो दर्जन से अधिक शव के उतराने की सूचना से सोमवार को हड़कंप मच गया। मृतकों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है, हालांकि जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा। दैनिक जागरण में सोमवार को इस आशय की खबर प्रकाशित हुई थी दाह संस्कार करने में असमर्थ स्वजन शवों को गंगा में फेंक कर चले जा रहे हैं। यह मामला संज्ञान में आते ही सोमवार की सुबह अनुमंडल पदाधिकारी केके उपाध्याय के नेतृत्व में एक टीम चौसा के महादेवा श्मशान घाट पहुंची। 

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इस दौरान गंगा तट पर दो दर्जन से ज्यादा शव निकाले गए और उन्हें दफनाने के लिए पोकलेन से पांच बड़े गड्ढे खोदे गए। इसी बीच वरीय अधिकारियों का निर्देश आया कि शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसके बाद शवों को दफनाने का कार्य रोक दिया गया। इधर, जिलाधिकारी अमन समीर ने एसपी नीरज कुमार सिंह और एसडीएम केके उपाध्याय के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता में बताया कि जो शव बरामद किए गए हैं, वे केवल बिहार के नहीं हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के क्षेत्र से भी बहकर शव आए हैं। उन्होंने पैसे के अभाव में शवों को फेंके जाने की बात से इन्कार किया। जिलाधिकारी ने कहा कि आगे ऐसी स्थिति नहीं हो, इसके लिए नियमित रूप से रिवर पेट्रोलिंग कराई जाएगी। जो शव मिले हैं, उनका पोस्टमॉर्टम कराते हुए सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया जाएगा। 

अब कोई शव नहीं होगा प्रवाहित

इससे पूर्व शवों को प्रवाहित करने की सूचना पर पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने कहा कि अब किसी भी शव को गंगा में प्रवाहित नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने भी कहा कि कुछ शव उत्तर प्रदेश की सीमा से बहकर यहां आ जा रहे है। 

इधर, श्मशान घाट पर दाह-संस्कार कराने वाले डोम राजा का कहना है कि  ग्रामीण क्षेत्रों से दाह संस्कार के लिए शव लेकर आने वाले जबरन गंगा के किनारे ही प्रवाहित कर चले जाते हैं। अनुमंडलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से दूरभाष पर बात की। इसके बाद उत्तर प्रदेश के बारा व गहमर पहुंचे। वहां अधिकारियों से बात कर पानी मे बहते शवों को निकलवाया और गंगा में प्रवाह पर रोक के लिए कहा। हालांकि, उत्तर प्रदेश की सीमा में दो ही शव मिले। 

वहीं, दूसरी महादेवा घाट और आसपास सुबह से शाम तक अंचलाधिकारी नवलकान्त व प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार घाट के पास पानी मे बहते कई शवों को निकालकर गढ्ढे में डलवाने की तैयारी कर रहे थे। इस बीच इस पर रोक लगा दी गई। 

इलाज में खर्च हुए सारे रुपये, अब दाह-संस्कार के पैसे नहीं 

सोमवार को चौसा श्मशान घाट पर निरीक्षण को पहुंचे सदर अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय के सामने ही राजपुर प्रखंड के किसी गांव से लोग शव लेकर पहुंचे थे। उनलोगों ने चिता में खर्च होने वाले राशि नहीं होने की बात बताई। इनलोगों ने बताया कि दवा में सारे रुपये खर्च हो गए हैं। अब क्या करें।  एसडीएम ने शव को बहाए जाने से रोका और लकड़ी से दाह संस्कार कराया। 

श्मशान घाट पर की गई व्यवस्था

एसडीएम के निर्देश पर चौसा श्मशान घाट पर सारी व्यवस्था दुरुस्त की गई। वहां दो चौकीदार, दो शिफ्ट में दो किसान सलाहकार के साथ साफ-सफाई की व्यवस्था भी की गई, लेकिन अभी भी चिता की राख व कपड़े पड़े हैं। अधिकारियों का कहना है कि जेनरेटर व लाइट की व्यवस्था की जा रही है। 

वीभत्स हो गया था नजारा

बता दें कि बक्सर चौसा महादेवा घाट पर रविवार को जल-प्रवाह हुए करीब 30 शव गंगा के किनारे आकर लग गए। गिद्ध और कुत्ते शवों को नोच-नोच कर अपना आहार बनाने लगे तो नजारा वीभत्स हो गया। वीडियो जैसी ही इटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ प्रसाशन की नींद खुली। लकड़ी बेचने वालों से लेकर कर्मकांड कराने वाले और मुक्तिधाम के ठेकेदारों की वसूली से असमर्थ लोग अपनों के शव गंगा में प्रवाहित कर दे रहे हैं। चौसा के महादेवा घाट पर गंगा नदी के किनारे बसे कई अन्य गांवों के लोग जो गंगा के जल का इस्तेमाल करते हैं वह भी यहां शवों का अंबार देख भयाक्रांत हो गए हैं।


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