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दोबारा मेंस लेने के BSSC के निर्णय के खिलाफ पटना में धरना पर बैठे अभ्‍यर्थी, समर्थन में आए चिराग

बिहार कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) की प्रथम इंटर स्तरीय परीक्षा में हुई गड़बड़ी रैंक लिस्ट जारी करने सीबीआइ जांच गठित करने सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर अभ्यर्थियों ने गुरुवार को गर्दनीबाग में महाधरना शुरू कर दिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 12:59 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 05:44 PM (IST)
दोबारा मेंस लेने के BSSC के निर्णय के खिलाफ पटना में धरना पर बैठे अभ्‍यर्थी, समर्थन में आए चिराग
गर्दनीबाग में प्रदर्शन करते बीएसएससी इंटरस्‍तरीय परीक्षा के अभ्‍यर्थी। जागरण

पटना, जागरण संवाददाता।  बिहार कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) की प्रथम इंटर स्तरीय परीक्षा में हुई गड़बड़ी, रैंक लिस्ट जारी करने, सीबीआइ जांच गठित करने सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर अभ्यर्थियों ने गुरुवार को गर्दनीबाग में महाधरना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्‍या में अभ्‍यर्थी यहां जुटे हुए हैं। उनके समर्थन में सांसद चिराग पासवान भी धरनास्‍थल पर पहुंचे। आंदोलनकारी अभ्‍यर्थियों का कहना है कि उनके साथ आयोग नाइंसाफी कर रहा है। इसे किसी हाल में स्‍वीकार नहीं किया जाएगा। 

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2014 में बीएसएसपी की ओर से जारी किया था विज्ञापन

वर्ष 2014 में बीएसएससी की ओर से विज्ञापन जारी कर राज्य के 42 विभागों में 13120 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन लिया गया। आवेदन प्रक्रिया के दो वर्ष बाद भी पीटी परीक्षा नहीं होने तथा लंबे अरसे बाद आयोग की ओर से विज्ञापन जारी होने के बाद काफी संख्या में अभ्यर्थी हाई कोर्ट गए। जहां वर्ष 2016 में उच्च न्यायालय ने अधिकतम उम्र सीमा में छूट देते हुए आवेदन लेने का निर्देश बीएसएससी को दिया था। इसके बाद वर्ष 2016 में आवेदन लिए गए। इस परीक्षा के लिए लगभग 16 लाख से अधिक आवेदन दिए गए। वर्ष 2017 के 29 जनवरी तथा पांच फरवरी को पहली बार प्रारंभिक परीक्षा हुई। इसमें प्रश्न पत्र लीक का मामला सामने आने के बाद परीक्षा रद कर दी गई।

1218 अभ्‍यर्थियों की पीटी दोबारा लेने की प्रक्रिया 

वर्ष 2018 दिसंबर में दोबारा पीटी हुई। इसका 2019 में परिणाम जारी हुआ। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दिसंबर 2020 में मुख्य परीक्षा आयोजित हुई। इसके बाद 2021 में परिणाम जारी किया गया। इसमें लगभग 54 हजार अभ्यर्थी सफल हुए। सफल अभ्यर्थियों का 13 अगस्त तक टाइपिंग, आशुलेखन, शारीरिक दक्षता परीक्षा का आयोजन किया गया। उसके बाद से सफल अभ्यर्थी काउंसिलिंग का इंतजार कर रहे थे। लेकिन बीते सप्ताह आयोग ने वर्ष 2016 में लिए गए आवेदन में तकनीकी गड़बड़ी बताते हुए 1218 अभ्यर्थियों की पीटी दोबारा लेने की प्रक्रिया आरंभ कर दी। मामले में अब सभी अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं। आयोग भी मामले की अपने स्तर से जांच कराने में जुटा है। आयोग के सचिव ओम प्रकाश पाल ने बताया कि जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई जा रही है।


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