दो घंटे तक छोड़ें पटाखे, प्रशासन की रहेगी नजर
दीपावली की रात आठ बजे से दस बजे तक निर्धारित डेसिबल के पटाखे ही छोड़े जा सकेंगे।
पटना। दीपावली की रात आठ बजे से दस बजे तक दो घंटे ही पटाखे छोड़े जा सकेंगे। जिलाधिकारी कुमार रवि ने पटनावासियों से सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पालन करने का आग्रह किया है। साथ ही सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और अनुमंडल पुलिस अधिकारियों को इस आदेश का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है।
लाउडस्पीकर सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक निर्धारित डेसिबल के अनुरूप बजाए जायेंगे। डीजे के उपयोग पर पूर्णत: रोक रहेगी। थानेदारों को लाउडस्पीकर जब्त करते हुए कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने तथा विद्यालय, न्यायालय, अस्पताल के 100 मीटर की परिधि में लाउडस्पीकर नहीं बजाए जाएंगे। पूजा स्थलों पर अश्लील एवं भड़काऊ कैसेट नहीं बजाए जायेंगे। डीजे संचालकों से इसका उपयोग नहीं किये जाने के संबंध में अनुमंडल पदाधिकारीगण पूर्व की तरह शपथ-पत्र प्राप्त करेंगे।
डीएम ने कहा कि निर्धारित डेसिबल वाले पटाखों की बिक्री एवं उपयोग की अनुमति दी गयी है। लड़ीवाले पटाखों तथा उच्च शोर करने वाले पटाखों की बिक्री एवं उपयोग प्रतिबंधित है। बैरियम साल्टयुक्त पटाखों की बिक्री एवं उपयोग पर भी पूर्णत: प्रतिबंध है। पटाखों की ऑनलाइन विक्री भी प्रतिबंधित की गई है।
: मूर्ति विसर्जन के लिए प्रशासन तैयार :
दीपावली तथा मां काली एवं मां लक्ष्मी की मूर्ति के विसर्जन के मद्देनजर विधि-व्यवस्था बनाए रखने की विशेष व्यवस्था की गई है। डीएम ने अनुमंडल पदाधकारी एवं संबंधित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दानापुर, पालीगंज, मसौढ़ी एवं बाढ़ को अपने-अपने क्षेत्रों में विधि-व्यवस्था बनाये रखने लिए अपने स्तर से दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने शाति भंग होने की आशंका पर अनुमंडल पदाधिकारी या जिला नियंत्रण कक्ष को तुरंत सूचना देने का निर्देश दिया है। एक यूनिट बम दस्ता एवं एक यूनिट श्वान दस्ता, अग्निशमन दस्ता, जीवन रक्षक दवा के साथ कुशल चिकित्सकों की टीम जिला नियंत्रण कक्ष में रहेगी। सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं थाना प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर भी तनाव की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है। अत: यह आवश्यक है कि मां लक्ष्मी एवं मां काली की प्रतिमाओं के विसर्जन जुलूस को समुचित ढंग से नियंत्रित किया जाय। इस दौरान वीडियोग्राफी कराई जाए।